न‍िर्देशक व‍िवेक अग्‍न‍िहोत्री की फ‍िल्‍म ‘द कश्‍मीर फाइल्‍स’ को  इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) के जूरी हेड नदव लापिड (Nadav Lapid) ने घटिया और प्रोपेगेंडा बताया है। लाप‍िड इजरायल के हैं। भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलॉन (Naor Gilon) ने इसके ल‍िए माफी मांगी है। उन्‍होंने लैप‍िड से भी कहा- शर्म आनी चाह‍िए। राजदूत ने इसके छह कारण भी बताए हैं। इनमें से एक कारण यह है आप तो इजरायल वापस चले जाओगे। इस दंभ के साथ क‍ि आप बड़े साहसी हो और आपने अपनी बात कह दी। हम, इजरायल के प्रत‍िन‍िध‍ि, यही रहेंगे। आपको देखना चाह‍िए क‍ि आपकी ‘बहादुरी’ के बाद कैसे हमारे डीएम (Direct message) बॉक्‍सेज भर गए हैं और ज‍िस टीम की ज‍िम्‍मेदारी मेरे ऊपर है, उसके ऊपर इसका क्‍या असर होगा। 

इजरायल के राजदूत Naor Gilon ने गिनाए ये छह कारण

नदव लाप‍िड (Nadav Lapid) के बयान पर 28 नवंबर की रात काफी व‍िवाद हुआ तो 29 नवंबर की सुबह राजदूत ग‍िलॉन (Naor Gilon) ) ने ट्वीट कर कहा क‍ि लाप‍िड को शर्म आनी चाह‍िए। उन्‍होंने इसके ल‍िए छह कारण भी बताए। पहला कारण बताते हुए उन्‍होंने ल‍िखा- भारतीय संस्‍कृत‍ि में, जैसा वे बताते हैं, मेहमान भगवान के समान होता है। आपने हेड ज्‍यूरी बनने के भारत के न्‍यौते का बुरी तरह अपमान क‍िया है। साथ ही, भारतीयों ने आपको जो इज्‍जत बख्‍शी, जैसी मेजबानी की, उसकी भी तौहीन की है।

Fauda को मिले सम्मान का जश्न मनाने के लिए बुलाया था

राजदूत ने दूसरा कारण बताया- हमारे भारतीय म‍ित्रों ने फाउदा (इजरायल-फलस्‍तीन संघर्ष की दास्‍तान पर आधार‍ित सीरीज) के कलाकारों को भारत में फाउदा (Fauda) को म‍िले सम्‍मान का जश्‍न मनाने के ल‍िए बुलाया। मुझे लगता है क‍ि आपको और राजदूत के रूप में मुझे भी बुलाने के पीछे उनकी यही भावना हो। मैं अतीत के आधार पर आपके बर्ताव को जायज ठहराने की आपकी जरूरत समझ सकता हूं, लेक‍िन यह नहीं समझ पा रहा क‍ि आपने वाईनेट न्‍यूज को यह क्‍यों बोला क‍ि मंत्री और मैंने मंच पर कहा था क‍ि हमारे देशों में समानता है क्‍योंक‍ि हम भी इसी तरह एक दुश्‍मन से मुकाबला कर रहे हैं और बुरे पड़ोसी के साथ रह रहे हैं।

भारत के मंत्री ने अपने Israel Visit का क‍िया था ज‍िक्र

हमने समानताओं और देशों के बीच नजदीक‍ियों की बात की। मंत्री ने अपने इजरायल दौरे (Israel Visit ) का ज‍िक्र क‍िया। हमने उन तथ्‍यों की बात की ज‍िनसे भारतीय फ‍िल्‍में देख कर पर‍िच‍ित होते हुए हम बड़े हुए हैं। हमने यह भी कहा क‍ि जब फ‍िल्‍म की मजबूत संस्‍कृत‍ि वाला भारत जैसे देश में इजरायली कंटेंट देखा जा रहा है तो हमें काफी व‍िनम्रता का भाव रखना चाह‍िए।

कारण नंबर तीन: मैं फ‍िल्‍मों का व‍िशेषज्ञ नहीं हूं, पर जानता हूं क‍ि ब‍िना गंभीर अध्‍ययन के इत‍िहास की घटनाओं के बारे में धारणा बनाना और बोलना असंवेदनशील होता है। खास कर तब जब यह भारत के ऊपर जख्‍म देने वाली घटना हो और इसकी पीड़ा से गुजरने वाले लोग आज भी आसपास मौजूद हों और इसकी कीमत चुका रहे हों।

चौथा कारण बताते हुए राजूदत ने ल‍िखा- नरसंहार से बच गए एक बाप के बेटे के तौर पर मैं भारत में आपके प्रत‍ि लोगों की प्र‍त‍िक्र‍िया देख कर मुझे दर्द हो रहा है। यह यहां पर कश्‍मीर मसले के प्रत‍ि संवेदनशीलता द‍िखा रहा है। आपके बयान की मैं भी उसी तरह न‍िंदा करता हूं। इसे उच‍ित ठहराने का कोई कारण नहीं है।

Freedom of Speech और Frustation का बताया फर्क

पांचवा कारण: वाईनेट को द‍िए आपके इंटरव्‍यू से यह साफ है क‍ि आपने क‍िस तरह आपने कश्‍मीर फाइल्‍स की आलोचना ( Criticism of The Kashmiri Files) और इजरायली राजनीत‍ि की घटनाओं के प्रत‍ि नापसंदगी में समानता बताई है। मेरी आपको सलाह है क‍ि आप ज‍िस तरह अतीत में भी मुखर रहे हैं तो इजरायल में जो आपको पंसद ना आए उसे जताने के ल‍िए अभ‍िव्‍यक्‍त‍ि की स्‍वतंत्रता (Freedom of speech) का खूब इस्‍तेमाल करें, लेक‍िन दूसरे देशों पर अपनी भड़ास न‍िकालने की कोई जरूरत नहीं है। मुझे नहीं लगता क‍ि आपके पास ऐसी बातें कहने का कोई तथ्‍यपरक आधार है। मुझे पता है क‍ि मेरे पास नहीं है।

The Kashmiri Files विवाद पर पूरी जानकारी वीडियो में देखें

भारत और इजरायल की दोस्‍ती (Indo Israel Friendship) काफी मजबूत

ग‍िलॉन ने अंत में ल‍िखा- आप चले जाएंगे, पर हमें यहीं रहना है। भारत और इजरायल के लोगों के बीच की दोस्‍ती (Indo Israel Friendship) काफी मजबूत है। आपने इसे जो नुकसान पहुंचाया है, हम इससे उबर जाएंगे। एक इंसान के तौर पर मैं शर्म‍िंदा हूं। आपने हमारे मेजबान की उदारता और म‍ित्रता का ज‍िस बुरे तरीके से स‍िला द‍िया है, उसके ल‍िए मैं उनसे माफी मांगता हूं।