राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू के बढ़ते मामलों ने दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में जगह की कमी जैसी गंभीर समस्या पैदा कर दी है। एक तरफ पूर्वी दिल्ली में एक अस्पताल अपने चालक कक्ष से ‘फीवर क्लीनिक’ चला रहा है तो दूसरी ओर एक बड़े अस्पताल ने अपने हड्डी रोग एवं नेत्र रोग वार्ड को खाली कर इसे डेंगू के मरीजों के लिए उपलब्ध कराया है।

सरकारी अस्पतालों में मरीजों की बेतहाशा बढ़ती संख्या के कारण उन्हें उपचार की सुविधा मुहैया कराने से जूझ रहे राम मनोहर लोहिया सहित कई अस्पतालों ने ऐसे मामलों में अपने मरीजों को दूसरे मरीजों के साथ बिस्तर साझा करने को कहा और वे अपने स्ट्रेचर पर भी मरीजों का उपचार कर रहे हैं।

बिस्तरों की कमी के कारण एम्स में डेंगू के गंभीर रोगियों का गलियारों में उपचार किया जा रहा है। एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया, ‘हम डेंगू पीड़ित गंभीर रूप से बीमार मरीजों का गलियारों में इलाज कर रहे हैं।

हमारे पास दूसरा विकल्प नहीं है… आईसीयू भर गया है और उनकी हालत गंभीर होने के कारण हम उन्हें दूसरे अस्पताल नहीं भेज सकते हैं।’ सरकारी अस्पतालों में हालत दयनीय है, जहां पर जगह और कर्मियों के अभाव के साथ साथ बिस्तरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।