देश के प्रमुख रेल स्टेशनों, बस डिपो, हवाईअड्डों और मॉल में आपको जल्दी ही कुल्हड़ वाली चाय पीने को मिल सकती है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को इस संबंध में पत्र लिखा है। अभी वाराणसी और रायबरेली स्टेशनों पर ही पकी मिट्टी से बने कुल्हड़ में चाय दी जाती है। गडकरी ने कहा, ‘‘मैंने पीयूष गोयल को एक पत्र लिखकर 100 रेल स्टेशनों पर कुल्हड़ को अनिवार्य करने के लिये कहा है। मैंने हवाईअड्डों तथा बस डिपो की चाय दुकानों पर भी इसे अनिवार्य करने का सुझाव दिया है। हम कुल्हड़ के इस्तेमाल के लिये मॉल को भी प्रोत्साहित करेंगे।’’

गडकरी ने कहा कि इससे स्थानीय कुम्हारों को बाजार मिलेगा। इसके साथ ही कागज और प्लास्टिक से बने गिलासों का इस्तेमाल बंद होने से पर्यावरण को हो रहा नुकसान कम होगा। गडकरी ने खादी ग्रामोद्योग आयोग को मांग बढ़ने की स्थिति में व्यापक स्तर पर कुल्हड़ के उत्पादन के लिये आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराने को भी कहा है।

 

बता दें कि केंद्र ने सभी राज्य सरकारों को प्लास्टिक बंद करने के निर्देश दिए हैं। प्लास्टिक से हमारे पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है, जिसके इस्तेमाल से न सिर्फ नदियां तालाब दूषित हो रहे हैं बल्कि मासूम जानवर भी मौत का शिकार हो रहे है। आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने पीटीआई भाषा से इस बारे में कहा, ‘‘हमने पिछले साल कुम्हारों को कुल्हड़ बनाने के लिये 10,000 इलेक्ट्रिक चाक दिये। इस साल हमने 25 हजार इलेक्ट्रिक चाक बांटने का लक्ष्य तय किया है।’’ सरकार कुम्हार सशक्तिकरण योजना के तहत इलेक्ट्रिक चाक वितरित कर रही है।