यमन के दक्षिणी इलाके से अगवा भारतीय पादरी थॉमस उझुनल्ली की गुड फ्राइडे के दिन हत्या के बारे में भारत सरकार के पास अभी तक कोई जानकारी नहीं है। इससे पहले वाशिंगटन टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि चार मार्च को मदर टेरेसा मिशनरी ऑफ चैरिटी की ओर से चलाए जाने वाले एक नर्सिंग होम पर इस्‍लामिक स्‍टेट (ISIS) के आतंकियों ने थॉमस को अगवा कर लिया गया था। वियना में ईस्टर पर एक कार्यक्रम के दौरान कार्डिनल क्रिस्टोफ स्कानबान द्वारा कथित तौर पर थॉमस की हत्या की पुष्टि भी की गई थी।

मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आतंकियों ने उन्हें भयंकर यातनाएं दीं और सूली पर चढ़ा दिया। केरल के रहने वाले उझुनल्ली यमन में जिस ओल्‍ड एज होम को चला रहे थे, उस पर आईएसआईएस आतंकियों ने हमला किया था, जिसमें उन्‍होंने 16 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। इनमें चार भारतीय नन भी थीं। इसी हमले में पादरी को अगवा कर लिया गया था।

25 मार्च को दिए बयान में विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने कहा था कि सरकार पादरी को छुड़ाने की हरसंभव कोशिश करेगी। सुषमा ने ट्वीट किया था, “केरल के एक भारतीय नागरिक को यमन में एक चरमपंथी संगठन ने बंदी बना लिया था. हम उनकी रिहाई के सारे प्रयास कर रहे हैं।”