हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) का बेसिक ट्रेनर विमान हिंदुस्तान ट्रेनर-40 तय किए गए पैमानों पर उम्मीद से अधिक खरा उतरा। बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विमानों के अब तक के अंतिम टेस्ट भी ठीक-ठाक बताए गए, जबकि जून 2019 तक एचएएल इनका पूरा सर्टिफिकेशन भी हासिल कर लेगी। फिर भी भारतीय वायु सेना (आईएएफ) देश के बजाय स्विजरलैंड के विमान चाहती है।

दरअसल, वायु सेना 38 अन्य स्विस पायलाटस पीसी-7 मार्क 2 खरीदने की मांग कर रही है, जबकि मौजूदा समय में आईएएफ के पास 75 ऐसे विमान हैं। 2009 में आईएएफ ने 181 बेसिक ट्रेनर विमानों की थी। रक्षा मंत्रालय ने इसके बाद दोनों देशों (भारत व स्विजरलैंड) को करीब 90-90 विमान देने के लिए कहा था।

हालांकि, आईएएफ को ‘फ्लाई-अवे वाली स्थिति’ में पायलाटस से 75 ट्रेनर विमान खरीदने की अनुमति थी, जबकि एचएएल शेष संख्या के विमान बनाने के मकसद से एचटीटी-40 बनाने की शुरुआत कर चुका था।

रक्षा मंत्रालय ने तय किया कि अगर एचएएल के ट्रेनर विदेश से आने वाले विमानों की डिलीवरी तक नहीं उड़ान भर पाए, तब आईएएफ के पास अन्य 38 विमान खरीदने का विकल्प खुला रहेगा। आईएएफ उसी स्थिति का हवाला देते हुए 38 और पायलाटस की मांग कर रही है।

इससे पहले, 2013 में वायु सेना ने कहा था, “पहला पीसी-7 एमके 2 पायलाटस तो भारत आ गया, पर एचटीटी-40 उड़ान भरने के लिए तैयार नहीं था।” मौजूदा समय में एचटीटी-40 न सिर्फ उड़ रहा है, बल्कि पायलाटस से बेहतर प्रदर्शन भी कर रहा है। यह ट्रेनर विमान आईएएफ के प्रदर्शन संबंधी मानकों से भी बेहतर बताया जा रहा है।

आईएएफ ने विमान में 400 किमी प्रति घंटे की रफ्तार मांगी थी, जबकि परीक्षण के दौरान एचटीटी-40 की टॉप स्पीडड 420 किमी प्रति घंटा मापी गई। वहीं, वायु सेना ने विमान के लिए 20 हजार फुट ऊंचाई तक उड़ने का मानक रखा था, जबकि यह विमान 20,200 फुट ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। एचटीटी-40 800 मीटर के रनवे में टेक-ऑफ और लैंड कर जाता है, जबकि पीएसक्यूआर ने 1000 मीटर में इस चीज की मांग की थी।