Surgical Strike 2 2019:  भारतीय वायु सेना के लड़ाकू जेट विमानों ने मंगलवार को तड़के नियंत्रण रेखा के दूसरी ओर, पाकिस्तानी हिस्से में कई आतंकी शिविरों पर बम गिराए। सरकार से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यह कार्रवाई जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को आतंकी गुट जैश ए मोहम्मद द्वारा किए गए आत्मघाती हमले के ठीक 12 दिन बाद की गई है। पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले में मिराज 2000 लड़ाकू जेट विमानों ने बड़ी भूमिका निभाई। मिराज ने बालाकोट, मुजफ्फराबाद और चकोटी में जैश ए मोहम्मद के आतंकी शिविरों पर सुनियोजित हमला कर बम गिराए और उन्हें नष्ट किया। जानिए लड़ाकू विमान मिराज 2000 की खूबियां। (All Pics PTI)


जानिए क्या है एयरस्ट्राइक करने वाला लड़ाकू विमान मिराज 2000 की खासियत

मिराज 2000 का निर्माण फ्रांस की कंपनी द सॉल्ट एविएशन ने किया है। द सॉल्ट इस विमान की लंबाई 47 फीट और इस (खाली विमान) का वजन 7500 किलो है। मिराज 13800 किलो गोला बारूद के साथ 2336 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम है।

मिराज 2000 प्रति मिनट 125 राउंड गोलियां के साथ ही 68 मिमी के 18 रॉकेट दाग सकता है। मिराज 2000 ने पहली बार 1970 में उड़ान भरी थी। यह फ्रेंच मल्टीरोल, सिंगल इंजन चौथी पीढ़ी का फाइटर जेट है। 

मिराज 2000 हवा से जमीन और जमीन से हवा में मार कर सकता है। इस विमान के विभिन्न वेरिएंट उपलब्ध है। मिराज 2000 का N और D स्ट्राइक वेरिएंट भी सामने आ चुका है।

8 अक्टूबर 1982 में भारत ने 36 सिंगल सीटर सिलेंडर मिराज 2000 एचएस और 4 ट्वीन सीटर मिराज 2000 टीएसएस का ऑर्डर दिया था और 29 जून, 1985 में भारतीय वायुसेना की नंबर- 7 स्क्वाड्रन में ऑफिसियली तौर पर शामिल किया गया था।

अब तक दुनिया भर में 600 मिराज 2000 विमानों का उत्पादन हो चुका है जो भारत सहित करीब 10 देशों में अपनी सेवाएं दे रहा है।


यह लड़ाकू विमान विमान DEFA 554 ऑटोकैन से लैस है, जिसमें 30 मिमी रिवॉल्वर मिनी तोप भी है। इससे प्रति मिनट 1200 से लेकर 1800 गोले दागे जा सकते हैं।

मिराज 2000 ने 1999 में करगिल युद्ध के दौरान अहम भूमिका निभाई थी। मिराज ने पलक झपकते ही दुश्मनों के बंकरों को तबाह कर दिया था। भारतीय वायुसेना के पास फिलहाल मिराज 2000 के दो बेड़े हैं।