India-China Border News: गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया था। अब चीन ने लद्दाख में पीछे हटने का प्रस्ताव दिया है। एलएसी पर तनाव के चलते दोनों ही देशों ने पैंगोंग लेक इलाके में अपनी सेनाओं और टैंकों को तैनात कर दिया था। चीन ने अब टैंक और सैनिकों सहित पीछे जाने की बात मान ली है।
पैगॉन्ग लेक के नॉर्दर्न बैंक के पास से दोनों पक्षों को 3 दिन तक हर दिन लगभग 30 फीसदी सैनिकों को वापस बुलाना है। इसके बाद भारतीय सैनिक अपनी एडमिनिस्ट्रेटिव धन सिंह थापा पोस्ट के करीब आ जाएंगे। वहीं, चीन ने फिंगर 8 की अपनी पहले वाली स्थिति में वापस जाने पर सहमति जताई है।
गलवान घाटी के संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों की जान चली गई थी वहीं चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे। इसके बाद दोनों देशों में सात राउंड की बैठक हुई लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया। अब 6 नवंबर को हुई बातचीत में चीन मान गया है और वह पीछे हटने को तैयार है। वह फिंगर 8 से पीछे जाएगा। इससे पहले वह फिंगर 5 तक पीछे हटा था।
Highlights
दोनों पक्ष इस कवायद की मॉनिटरिंग के लिए एक साझा मैकेनिज्म बनाने के लिए भी राजी हुए हैं। इसमें आपसी बातचीत के साथ ही निगरानी के लिए अनमैन्ड एरियल व्हीकल (UAV) का इस्तेमाल भी शामिल है।
तीसरे और अंतिम चरण में दोनों पक्षों को पैगॉन्ग झील एरिया के दक्षिणी तट के साथ-साथ चुशूल और रेजांग ला के आसपास ऊंचाई वाले इलाकों में अपनी तैनाती वाली जगहें खाली करनी है।
दूसरे स्टेप में पैगॉन्ग लेक के नॉर्दर्न बैंक के पास से दोनों पक्षों को 3 दिन तक हर दिन लगभग 30 फीसदी सैनिकों को वापस बुलाना है। इसके बाद भारतीय सैनिक अपनी एडमिनिस्ट्रेटिव धन सिंह थापा पोस्ट के करीब आ जाएंगे। वहीं, चीन ने फिंगर 8 की अपनी पहले वाली स्थिति में वापस जाने पर सहमति जताई है।
सूत्रों के मुताबिक, एक सप्ताह तक चली बातचीत के बाद तय हुआ कि यह मूवमेंट तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। इसके मुताबिक, पहले चरण में टैंकों, बख्तरबंद वाहनों और सैनिकों को सीमा से एक तय दूरी पर वापस ले जाना है। बातचीत में बनी सहमति के मुताबिक, टैंक और सैनिक एक दिन के अंदर हटाए जाने हैं।
6 नवंबर को चुशूल में कमांडर लेवल की बातचीत में डिसइंगेजमेंट पर बातचीत हुई थी। भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव और डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन ब्रिगेडियर घई बातचीत में शामिल हुए थे। गलवान घाटी में 15 जून को सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों ने अपने हजारों जवान आमने-सामने तैनात कर दिए थे। इस झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
LAC पर कई महीनों से जारी तनातनी खत्म करने के लिए भारत और चीन के बीच सहमति बन गई है। दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख के पैगॉन्ग लेक एरिया से सेना पीछे हटाने पर राजी हो गए हैं। भारत और चीन 3 दिन तक रोज 30% सैनिक वापस बुलाएंगे। सैनिकों की वापसी तीन फेज में होगी।
चीन ने अपनी तरफ से पूर्वी लद्दाख में पीछे हटने का प्रस्ताव जरूर रखा है लेकिन भारत फिर भी बहुत सतर्क है। सेनाओं को पीछे बुलाया जाएगा लेकिन भारत कड़ी निगरानी करता रहेगा। अगर चीन किसी भी तरह से एलएसी के अंदर घुसने की कोशिश करेगा तो भारत की सेना फिर से पोजीशन ले लेगी।
भारत और चीन दोनों तीन दिन तक 30 प्रतिशत सैनिकों को रोज वापस बुलाएँगे। 6 नवंबर को चुशूल में कमांडर स्तर की बात हुई थी उसी में यह हल निकाला गया है। बातचीत में जो सहमित बनी है इसके मुताबिक टैंक एक दिन में हटाए जाने हैं। तीसरे चरण में ऊंचाई वाली जगहें खाली की जाएँगी।
अगर भारत और चीन के बीच आपसी बातचीत से विवाद सुलझ जाए तो दोनों देशों के लिए इससे बेहतर कुछ नहीं होगा। सूत्रों के मुताबिक तीन चरणों में सैनिकों की वापसी होगी। दोनों ही पक्ष पैंगोंग लेक इलाके से पीछे हटेंगे। पहले टैंक और फिर सैनिक पीछे हटेंगे।