सूखे से बेहाल केरल में लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यहां लोग पीने के पानी के लिए हमेशा मोहताज रहते हैं। लेकिन अब केरलवासियों के सामने एक महिला देवी बनकर सामने आई है। जिसके आने से यहां के प्यासे लोग काफी खुश हैं। उस महिला का नाम पी.अम्मीनी है। इन्होंने अपने जिले पलक्कड़ को सूखे से उबारने के लिए एक उपाय सोचा था। उन्होंने पिछले 6 महीनों में अपने जिले की अलग-अलग जगहों पर 180 कुएं खोद दिए हैं।
अम्मीनी के साथ टीम में कई और महिलाएं हैं, जो इनकी इस काम में मदद करती हैं। अम्मीनी बताती हैं कि उन्हें ये ख्याल तब आया, जब पिछले साल एक गांव की महिला ने खुद को कुछ लीटर पानी की वजह से बेच दिया था।
शुरुआत में अम्मीनी के साथ काम करने से महिलाएं कतराती थीं। लेकिन जब उनको महिलाओं ने लग्न से काम करते देखा तो धीरे-धीरे उनसे कई महिलाएं जुड़ने लगीं। अब उनकी टीम बड़ी आसानी से 60 से 80 फीट तक का गड्ढा खोद लेती हैं। इनके बनाए गए कुओं से कई गांववालों की जिंदगी बेहतर हुई है। उनकी ये सीमा अब केरल में ही नहीं बल्कि कई राज्यों में बढ़ रही है। वो ये काम लोगों तक सिर्फ पानी पहुंचाने के लिए करती हैं।
एचटी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अम्मीनी के टीम में 300 महिलाएं हैं। उनको महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत वेतन दिया जाता है। अम्मीनी कुएं खोदने के लिए ज्यादा मजदूरी नहीं लेती है। जिले में अम्मीनी को देखकर पुरुष भी सक्रिय होने लगे हैं। अम्मीनी न केवल केरल में बल्कि पूरे सूखे से ग्रस्त कई राज्यों में एक मिसाल के तौर पर उभर रही हैं।
केरल के गांवों में लोगों के पास ना तो खेती करने के लिए पानी है ना जानवरों को पिलाने के लिए और न खुद पानी पीने के लिए। यहां के लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए भगवान को याद किया करते थे। लेकिन अब जिले के कई गांवों को अम्मीनी के कारण पानी मिल गया है।