इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद (IIM-A) ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के उस निर्देश का विरोध किया है, जिसमें उन्नत भारत अभियान योजना के तहत पांच गांवों को गोद लेने का निर्देश दिया गया था। शिक्षण संस्थान ने कहा है कि ग्रामीण समाज की भलाई की दिशा में वो पहले ही कई ‘सामाजिक क्रियाकलापों’ में शामिल है।

बता दें कि 20 जून को मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से यह निर्देश जारी हुआ था। इससे पहले, मानव संसाधन मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ने 13 जून को संस्थानों की रिव्यू मीटिंग में तय किया था कि हर आईआईएम उन्नत भारत अभियान के तहत 5 गांवों को गोद लेगा ताकि वे भी गांवों की बेहतरी में योगदान कर सकें।

मंत्रालय की ओर से जारी लेटर में निर्देश दिया गया था कि गांवों को गोद लेने की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी कर ली जाए और इसकी जानकारी मंत्रालय की ओर से वक्त-वक्त पर मांगी जा सकती है। एक अधिकारी ने पहचान सार्वजनिक न किए जाने की शर्त पर बताया, ‘आईआईएम अहमदाबाद की ओर से भेजी गई चिट्ठी में गांवों को गोद न लेने की वजह यह बताई गई है कि संस्थान पहले से समाज की भलाई के लिए बहुत सारे काम कर रहा है।’

बता दें कि उन्नत भारत अभियान के तहत, केंद्र सरकार की योजना सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को ग्रामीण विकास की प्रक्रिया से जोड़ना है। मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि इस स्कीम के तहत हर उच्च शिक्षण संस्थान को पांच गांवों के समूह को गोद लेना होगा। इसके लिए स्थानीय जिला कलेक्टर से सलाह करनी होगी। फिर संस्थान अपने ज्ञान और तकनीकी कुशलता के जरिए ग्राम पंचायतों के इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारने में मदद करेंगे।

आईआईएम अहमदाबाद से 2016 में रिटायर हुए प्रोफेसर अनिल कुमार गुप्ता ने संस्थान के रुख का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, ‘आईआईएम के सामने सिर्फ 5 गांवों की चुनौती क्यों रखी जाए? यह 500 या 1000 गांव होने चाहिए।’ उनका कहना है कि संसाधनों को सामान्य कार्यों पर खर्च करने का कोई फायदा नहीं है।