Ahmedabad Air India Plane Crash: एअर इंडिया की फ्लाइट नंबर AI-171 हादसे में जिंदा बचे विश्वास कुमार रमेश के लिए जिंदगी अभी भी सामान्य नहीं है। इस दुर्घटना में विमान में सवार 241 लोग और जमीन पर 19 लोग मारे गए थे। विश्वास कुमार ज्यादातर वक्त अकेले बिताते हैं, यहां तक कि अपने परिवार से भी बात नहीं कर पाते।

बीबीसी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में विश्वास ने कहा कि उनका बचना एक चमत्कार था और वह खुद को सबसे ज्यादा भाग्यशाली मानते हैं। अहमदाबाद में लंदन जाने वाली उस फ्लाइट के मलबे से विश्वास बचकर निकल आए। विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के एक हॉस्टल से टकराया था। विश्वास बोइंग 787-8 विमान में सीट 11ए पर बैठे थे, जबकि उनके छोटे भाई अजय सीट 11जे पर थे। इस हादसे में उनके छोटे भाई की मौत हो गई।

मैंने अपने भाई को खो दिया- विश्वास कुमार

वह दीव के मछुआरे परिवार से ताल्लुक रखने वाले रमेश कुमार भलैया के चार भाइयों में सबसे बड़े हैं। उनके सलाहकारों के अनुसार, ब्रिटिश नागरिक, विश्वास, लीसेस्टर में अपने घर लौटने के बाद से पीटीएसडी यानी पोस्ट ट्रामेटिक स्ट्रेस डिसआर्डर से जूझ रहे हैं। विश्वास ने रोते हुए बीबीसी न्यूज को बताया, “मैं अकेला जिंदा बचा हूं। फिर भी, मुझे यकीन नहीं हो रहा है। यह एक चमत्कार है। मैंने अपने भाई को भी खो दिया। मेरा भाई मेरी रीढ़ है। पिछले कुछ सालों से, वह हमेशा मेरा साथ देता रहा। अब मैं अकेला हूं। मैं बस अपने कमरे में अकेला बैठा रहता हूं, अपनी पत्नी या बेटे से बात नहीं करता। मुझे अपने घर में अकेला रहना अच्छा लगता है।”

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जब उनसे दुर्घटना के दिन की यादों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मैं अभी इस बारे में कुछ नहीं कह सकता।” स्थानीय समुदाय के नेता संजीव पटेल और परिवार के प्रवक्ता रैड सीगर के साथ मौजूद विश्वास ने कहा कि आपदा की घटनाओं को याद करना बहुत पीड़ादायक है। उन्होंने कहा, “इस दुर्घटना के बाद मेरे लिए बहुत मुश्किल है। शारीरिक रूप से, मानसिक रूप से और मेरे परिवार के लिए भी, मानसिक रूप से, मेरी मां पिछले चार महीनों से, हर दिन दरवाजे के बाहर बैठी रहती हैं, कुछ नहीं बोलतीं, कुछ नहीं। मैं किसी और से बात नहीं कर रहा हूं। मुझे किसी और से बात करना पसंद नहीं है। मैं ज्यादा बात नहीं कर सकता। मैं सारी रात सोचता रहता हूं, मैं मानसिक रूप से बहुत परेशान हूं।”

पूरे परिवार के लिए हर दिन दुखदायी- विश्वास कुमार रमेश

उन्होंने कहा, “पूरे परिवार के लिए हर दिन दुखदायी है।” उन्होंने बताया कि वह अभी भी ठीक से चल नहीं पाते और उनकी पत्नी उन्हें सहारा देती हैं। इस त्रासदी के बाद से वह न तो काम पर जा पा रहे हैं और न ही गाड़ी चला पा रहे हैं। भलैया परिवार केंद्र शासित प्रदेश दीव के पटेलवाड़ी गांव का रहने वाला है। लीसेस्टर के रहने वाले रमेश कुमार भलैया अपनी पत्नी दहियाबेन और अपने अन्य छोटे बेटों नयन और सनी के साथ अजय के शव की पहचान करने के लिए अहमदाबाद पहुंचे थे।

एअर इंडिया ने मुआवजा देने की पेशकश की

एअर इंडिया ने परिवार को 21500 पाउंड का अंतरिम मुआवजा देने की पेशकश की है। लेकिन उनके सलाहकारों ने बीबीसी न्यूज को बताया कि यह उनकी तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी नहीं है। परिवार के प्रवक्ता सीगर ने बीबीसी न्यूज को बताया कि उन्होंने एअर इंडिया को तीन बार बैठक के लिए आमंत्रित किया था और तीनों बार या तो उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया या फिर अस्वीकार कर दिया गया। टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन ने एक बयान में कहा कि मूल कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करने के लिए परिवारों से मिलने आते रहते हैं।

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