राजद प्रमुख लालू प्रसाद के साथ रिश्तेदारी होने की सुर्खियों के बीच समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने आज कहा कि उनके और लालू के बीच वर्षों से रिश्ते हैं और वे साथ साथ रहे हैं।

मुलायम ने यहां उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा आयोजित साहित्यकारों के सम्मान समारोह में कहा, ‘‘वो (मीडिया) कह रहे हैं कि मेरे और लालू के बीच रिश्तेदारी हो रही है। अरे बोलो, कब रिश्ते नहीं रहे, सालों साल हम साथ रहे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बीच में विभाजन हुआ लेकिन फिर कोशिश की और देश के सामने अब एक विकल्प आया। हमने, लालू और नीतीश ने वर्षों साथ काम किया है। नये विकल्प से जनता का कल्याण होगा।’’

मुलायम ने कहा कि प्रधानमंत्री या मंत्री पद महत्वपूर्ण नहीं होता बल्कि व्यक्ति को समाज के लिए ऐसा कुछ कर देना चाहिए कि हमेशा के लिए उसका नाम हो।

अपने अंग्रेजी विरोध को लेकर स्पष्टीकरण देते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि हमने हमेशा अंग्रेजी को हटाने की बात कही है, मिटाने की नहीं। यदि कोई अंग्रेजी पढ़ना चाहता है तो पढ़। हम हिन्दी की नहीं, भारतीय भाषाओं की बात करते हैं। भारतीय भाषाओं में कार्य होगा तो हिन्दी अपने आप बढ़ेगी। ‘‘इसलिए हिन्दी की बात करना छोड़ दीजिए।’’

उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि कामकाज विशेषकर सरकारी कामकाज भारतीय भाषाओं में हो। ‘‘लोग जनता के बीच जाकर हिन्दी में वोट मांगते हैं लेकिन लोकसभा में अंग्रेजी बोलते हैं। ऐसे लोगों को मैं चुनौती देता हूं कि अंग्रेजी में जाकर वोट मांगे, जमानत जब्त हो जाएगी।’’

पुराने दिनों की याद करते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि जब वह रक्षा मंत्री बने तो पहली बार रक्षा मंत्रालय में हिन्दी भाषा में कार्य हुआ। एपीजे अब्दुल कलाम तब उनके सलाहकार थे। उन्होंने कहा, कलाम ने भी हिन्दी सीखी और इतनी अच्छी सीखी कि बाद में सैफई में एक कार्यक्रम के दौरान हिन्दी में धाराप्रवाह बोले।

मुलायम ने कहा कि दुनिया के तमाम देश अपनी भाषा में कार्य कर रहे हैं। अंग्रेजी ब्रिटेन और अमेरिका में बोली जाती है। यूरोप के देशों को देखें तो इंग्लैंड को छोड़ जर्मनी, फ्रांस, पोलैंड, स्विटजरलैंड, इटली जैसे देशों में अंग्रेजी नहीं है। वे अपनी भाषा बोलते हैं।

इस मौके पर मुलायम ने हिन्दी के जाने माने साहित्यकार दूधनाथ सिंह को भारत भारती पुरस्कार से सम्मानित किया। सिंह को पुरस्कारस्वरूप स्मृति चिन्ह और पांच लाख रुपये का चेक सौंपा गया। ममता कालिया को लोहिया साहित्य सम्मान दिया गया। इस सम्मान के तहत उन्हें चार लाख रुपये का चेक दिया गया।

मुलायम ने सुरेश गौतम को हिन्दी गौरव सम्मान दिया और पुरस्कार राशि चार लाख रुपये का चेक प्रदान किया। चंद्रकांता को महात्मा गांधी साहित्य सम्मान (चार लाख रुपये) दिया गया। कन्हैया सिंह को पंडित दीनदयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान (चार लाख रुपये) प्रदान किया गया।

प्रेम जनमेजय को उनके संपूर्ण व्यंग्य लेखन के लिए पंडित श्रीनारायण चतुर्वेदी सम्मान दिया गया। यह पुरस्कार हिन्दी संस्थान ने पहली बार शुरू किया है। पुरस्कारस्वरूप जनमेजय को दो लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया। जनमेजय ने बताया कि व्यंग्य पर उनकी कई किताबे हैं और वह ‘व्यंग्य यात्रा’ के नाम से एक पत्रिका भी निकालते हैं।