भारत को मिसाइल टेक्नॉलोजी कंट्रोल रिजीम (MTCR) में एंट्री मिल गई है। विदेश सचिव एस जयशंकर ने सोमवार (27 जून) को इस डील पर साइन कर दिए। MTCR उन चार बड़े संगठनों में से एक है जिसका भारत हिस्सा बनना चाहता था। अब भारत की निगाहें NSG, Australia Group और Wassenaar Arrangement पर टिकी हैं।
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MTCR में एंट्री के लिए भारत की तरफ से प्रयास कोई नया नहीं था, बल्कि इसके लिए 2008 से कोशिश जारी थी। अप्रैल 2015 में यूएस ने भारत का साथ देने का वादा किया था, पर तब इटली की वजह से मामला अटक गया। दरअसल इटली के दो मरीन सल्वातोरे गिरोने और मासीमिलियानो लातोरे पर 2012 में केरल के तट के निकट दो भारतीय मछुआरों की हत्या का आरोप था।
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लातोरे 2014 में इटली वापस आ गया था, जबकि गिरोने नई दिल्ली स्थित भारतीय दूतावास में था। इसी पर इटली नाराज था। लगभग 4 साल की सजा के बाद मई 2016 में गिरोने को भी इटली भेज दिया गया। भारत के इस कदम से इटली ने भारत का समर्थन करने का फैसला कर लिया।
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इसके बाद भारत को ग्रुप में लेने की एप्लीकेशन बिना किसी विरोध के स्वीकार कर ली गई। इसके बाद ‘silent procedure’ चलाया गया। इस प्रोसेस में 10 दिन तक अगर कोई सदस्य एप्लीकेशन देने वाले देश का विरोध नहीं करता है तो उसे शामिल कर लिया जाता है। भारत के मामले में किसी ने विरोध नहीं जताया और उसे मई के अंत में MTCR में एंट्री मिल गई।
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