तमिलनाडु के कोयम्बटूर में एक स्थानीय हिंदू संगठन ने मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सी एस कर्नाण की उनकी न्यायपालिका के खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए आलोचना की और दावा किया कि उसने न्यायाधीश को एक लाख रुपए का चेक भेजा है ताकि वह देश से बाहर जा सकें। ‘इंदु मक्कल काची’ का दावा है कि उसने न्यायमूर्ति कर्नाण को चेक के साथ पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि वह किसी भी देश का चुनाव कर सकते हैं। न्यायमूर्ति कर्नाण ने खुद का तबादला कलकत्ता हाईकोर्ट में किए जाने के प्रधान न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगा दी थी। बाद में कर्नाण ने जातिगत आधार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए किसी दूसरे देश चले जाने की बात कही थी।
इस घटना के बारे में मीडिया से बात करते हुए जस्टिस कर्नाण ने आरोप लगाया था कि, दलित होने के चलते उनके साथ ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने कहा था, ‘मुझे निशाना बनाया गया, क्योंकि मैं दलित हूं। मैं शर्मिंदा हूं कि मेरा जन्म भारत में हुआ है। मैं ऐसे देश में जाना चाहता हूं जहां जातिप्रथा न हो।’ इससे पहले उन्होंने कोर्ट के अंदर ही मीडियाकर्मियों से बात करनी चाही थी, लेकिन हाईकोर्ट प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। गौरतलब है कि जस्टिस कर्नाण पहले भी विवादों में रहे हैं। उन्होंने हाल के महीनों में मद्रास हाईकोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस संजय कौल के फैसलों को चुनौती दी थी। साथ ही उन पर शोषण करने का आरोप भी लगाया था।