गुजरात के डांग जिले में आगामी 16 दिसंबर को एक कथित रैली के आयोजन के चलते तनाव का माहौल है। दरअसल यहां के हिंदू संगठन अनुसूचित जनजाति (एसटी) से संबंधित ऐसे लोगों की सही तरीके से पहचान कराने की मांग कर रहे हैं जिन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया। इसी बीच आदिवासी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि विश्व हिंदू परिषद (VHP) समर्थित हिंदू आदिवासी संगठन ‘राष्ट्रीय जनजाति संघ’ और भाजपा सदस्य धनराज सिन्हा सूर्यवंशी का संगठन ‘ट्राइबल किंग’ क्रिसमस से पहले सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि जिला प्रशासन ने ऐसी किसी रैली को अनुमति देने से इनकार किया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जिले में अशांति पैदा करने की किसी भी स्थिति से सख्ती से निपटा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जनजाति संघ ने 16 दिसंबर को होने वाली कथित रैली से पहले मांग की है कि सभी आदिवासी ईसाईयों को अपने स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट (LC) हिंदू से ईसाई कराना चाहिए। ताकि साल 2021 की जनगणना से पहले इसपर स्थिति साफ हो जाए। डांग में पिछली बार हुई जनगणना के मुताबिक जिले में कुल 2,28,291 लोगों की पहचान की गई। इसमें हिंदू समुदाय के लोगों की संख्या 89.16 फीसदी यानी 2,03,545 थी।
ईसाई समुदाय के लोगों की संख्या 20,029 थी, जो कि 8.77 फीसदी बैठता है। मुस्लिमों की संख्या 3,593 थी जो 1.57 फीसदी है। हालांकि हिंदू संगठन का दावा है कि आंकड़े ठीक नहीं है क्योंकि पिछली जनगणना में एक बड़ी आबादी ने खुद को हिंदू बताया था जबकि उनका विश्वास हिंदू धर्म में नहीं था। आदिवासी लोगों को स्कूलों से हिंदू एसटी का प्रमाणपत्र मिलता है।
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में ‘ट्राइबल किंग’ के धनराज सिन्हा सूर्यवंशी ने कहा, ‘हमारी एक ही मांग है कि जो हिंदू हैं उन्हें एलसी पर एसटी हिंदू लिखना चाहिए। मुस्लिमों को एसटी मुस्लिम लिखना चाहिए और ईसाईयों को भी एसटी ईसाई लिखना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि डांग में ईसाई विरोधी दंगों का इतिहास रहा है जब आदिवासियों के कथित धर्म परिवर्तन पर चर्चों पर हमले किए गए।
इसी बीच डांग जिले कार्यकर्ताओं ने हिंदू संगठनों पर आरोप लगाते हुए कहा कि 16 दिसंबर की रैली तो बस एक बहना है ताकि क्रिसमस के त्योहार से पहले तनाव का माहौल पैदा किया जा सकते। हिंदू संगठनों की कोशिश है कि ऐसा माहौल पैदा किया जाए कि ईसाई बने आदिवासियों के बीच भय पैदा हो।

