Hindi compulsory in Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार ने फैसला किया है कि राज्य भर के मराठी और इंग्लिश मीडियम के स्कूलों में पहली से पांचवीं क्लास तक के स्टूडेंट्स के लिए तीसरी भाषा के रूप में हिंदी पढ़ना अनिवार्य होगा। राज्य की बीजेपी सरकार के इस कदम पर विपक्षी दल कांग्रेस और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने आपत्ति जताई है। आइए अब यह जानने की कोशिश करते हैं कि आखिरकार यह पूरा मामला क्या है और बीजेपी थ्री लेंग्वेज पॉलिसी क्यों अपना रही है।

महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 को स्कूलों में स्टेप बॉय स्टेप लागू करने के लिहाज से बुधवार को हिंदी भाषा पर फैसला लिया। वैसे त्रिभाषा सूत्र (Three-Language Formula) अभी सिर्फ माध्यमिक शिक्षा में ही लागू है, लेकिन फडणवीस सरकार के फैसले के बाद महाराष्ट्र में प्राथमिक शिक्षा से इसकी शुरुआत हो जाएगी। सरकार के इस फैसले से खासकर मराठी माध्यम और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के पाठ्यक्रमों में बड़ा बदलाव लाना होगा क्योंकि अब उन्हें पहली क्लास से ही बच्चों की हिंदी पढ़ानी होगी।

महाराष्ट्र सरकार के फैसले का विपक्ष ने किया विरोध

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) सहित कई विपक्षी दलों ने इस कदम का कड़ा विरोध किया है और इसे हिंदी थोपना और मराठी गौरव पर हमला बताया है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने सरकार को वॉर्निंग देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘हम हिन्दू हैं पर हिंदी नहीं! यदि आप महाराष्ट्र पर हिंदीकरण थोपने की कोशिश करेंगे तो महाराष्ट्र में संघर्ष अवश्यंभावी है। यह सब देखकर यह स्पष्ट हो जाता है कि सरकार जानबूझकर यह टकराव पैदा कर रही है। क्या ये सारी अटकलें आगामी चुनावों में अपने फायदे के लिए मराठी-बनाम-मराठी संघर्ष पैदा करने के लिए हैं? राज्य में गैर-मराठी भाषी लोगों को भी सरकार की इस योजना को समझना चाहिए। ऐसा नहीं है कि उन्हें आपकी भाषा से कोई विशेष प्रेम है। वे आपको उकसाकर अपना राजनीतिक एजेंडा आगे बढ़ाना चाहते हैं।’

महाराष्ट्र में कक्षा 1 से 5 तक हिन्दी अनिवार्य

मनसे चीफ ने कहा, ‘महाराष्ट्र में पहली कक्षा से हिंदी भाषा की अनिवार्य शिक्षा को यहां बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। स्कूल प्रशासन को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि स्कूल पाठ्यक्रम की हिंदी पुस्तकें दुकानों पर नहीं बेची जाएंगी और स्कूलों को उन पुस्तकों को छात्रों में वितरित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हर राज्य में केवल उसकी राजभाषा का ही सम्मान होना चाहिए! क्या कल सभी राज्यों में प्राथमिक स्तर से मराठी भाषा पढ़ाई जाएगी? नहीं, सही है? तो फिर यह मजबूरी क्यों है? मैं सरकार से अपील करता हूं कि इस मुद्दे को आगे न बढाएं। लेकिन यदि आप इस आह्वान को चुनौती देने जा रहे हैं और हिंदी थोपने जा रहे हैं तो संघर्ष अपरिहार्य है और इसके लिए केवल सरकार ही जिम्मेदार होगी। इसलिए सरकार को जनभावना का सम्मान करते हुए इस निर्णय को तत्काल वापस लेना चाहिए।’

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कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने इस कदम की आलोचना करते हुए इसे मराठी ‘अस्मिता’ पर आघात बताया। उन्होंने पूछा, ‘अगर हिंदी वैकल्पिक होती, तो हम आपत्ति नहीं करते। लेकिन इसे अनिवार्य बनाना एक थोपना है। क्या वे उत्तर प्रदेश या मध्य प्रदेश में मराठी को तीसरी अनिवार्य भाषा बनने देंगे।’ वहीं, जयंत पाटिल ने खासकर छोटे बच्चों पर पढ़ाई के बोझ को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बच्चे पहले से ही मराठी और अंग्रेजी से जूझ रहे हैं। हिंदी को अनिवार्य बनाने से दबाव और बढ़ेगा। पहले उन्हें अपनी मातृभाषा में महारत हासिल करने दें।’

देवेंद्र फडणवीस ने की केंद्र की लैंग्वेज पॉलिसी की तारीफ

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के कदम का बचाव किया है और केंद्र की लैंग्वेज पॉलिसी की तारीफ की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई अंग्रेजी सीखना चाहता है, तो वह अंग्रेजी सीख सकता है। अगर कोई अन्य भाषा सीखना चाहता है, तो किसी को भी अन्य भाषा सीखने से कोई रोक नहीं है। सभी को मराठी आनी चाहिए। साथ ही, हमारे देश की अन्य भाषाओं को भी जानना चाहिए। केंद्र सरकार ने इस बारे में सोचा है। केंद्र सरकार का मानना ​​है कि हमारे देश में कम्युनिकेशन की एक भाषा होनी चाहिए। यह कोशिश की गई है।’

मराठी बोलने वालों की संख्या में भारी गिरावट

पिछले कुछ सालों में मुंबई में मराठी बोलने वाले लोगों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। दूसरी तरफ प्रदेश में दूसरे राज्यों से आने वाले लोग भी बढ़ रहे हैं। इन लोगों ने महाराष्ट्र में जगह-जगह जमीनें खरीदी हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मराठी आबादी की घटती संख्या और अप्रवासियों का बढ़ता अनुपात आने वाले सालों में चुनावों का भाग्य तय करेगा। इस समय अलग-अलग जगहों पर मराठी भाषियों का विरोध बढ़ गया है। इसका संघर्ष मुंबई में भी बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।