समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर चर्चाओं में आ गए हैं। उन्होंने हिजाब को लेकर कहा कि स्कूलों में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब धारण ना करने की वजह से आवारगी बढ़ेगी। इस पर हो रही एक टीवी डिबेट में राजनीतिक विश्लेषक शुभ्रास्था ने एआईएमआईएम नेता सईदा फलक को जवाब देते हुए कहा कि हिंदू धर्म को लेकर कुछ भी अनाप शनाप नहीं बोलें।
दरअसल, डिबेट के दौरान सईदा फलक ने कहा कि आप लोग अपना मजहब भूल चुके हैं और हिंदू धर्म में भी हिजाब का जिक्र है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि अगर हिजाब नहीं है तो लक्ष्मण जी ने सीता मैया की शक्ल क्यों नहीं देखी थी। उन्होंने बिना हिजाब के सीता जी को क्यों नहीं देखा था। आप लोग खुद अपना मजहब भूल चुके हो। सईदा ने कहा कि हिंदू अपना धर्म बदल चुके हैं, तो हमारा धर्म बदलने के लिए क्यों कह रहे हैं।
इसके जवाब में शुभ्रास्था ने कहा कि पता नहीं इन्होंने कौन सा लिटरेचर पढ़ा है। उन्होंने सईदा को सलाह दी कि सऊदी का लिटरेचर छोड़कर हमारी रामायण पढिए। शुभ्रास्था ने कहा, “लक्ष्मण जी ने सीता जी का चेहरा इसलिए नहीं देखा था क्योंकि वह उनको मां के रूप में देखते थे और चरण के अलावा उनकी नजर कहीं नहीं गई। अगर आपकी टर्मनोलॉजी में एक्सप्लेन करूं तो पुरुषों की नजरों में जो हया होनी चाहिए। उसकी बात की गई है। सीता मैया को हमने कभी घूंघट में नहीं देखा है।”
बता दें कि सरकारी स्कूल, कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध के मामले में सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने खंडित फैसला सुनाया है। इस मामले में दोनों जजों के बीच एकमत नहीं है। एक जज ने प्रतिबंध को सही ठहराया तो दूसरे ने गलत। इसके बाद हिजाब मामला एक बार फिर से चर्चाओं में आ गया। इस पर शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि बीजेपी ने देश में माहौल को बिगाड़ा है। उन्होंने कहा कि फैसले पर एकमत ना होने की वजह से अगर हिजाब हटा दिया तो लड़कियां बेपर्दा घूमेंगी और आवारगी बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार भले ही हिजाब पर बैन लगा रही है, लेकिन यह हमारा मजहबी और इस्लाम का मामला है। इस्लाम कहता है कि हमारी बच्चियों को पर्दे में रहना चाहिए। हिजाब समाज की बहुत सी बुराइयों से दूर कर देता है और यही बुराइयों से बचने का रास्ता भी है।
