नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बलात्कार के एक मामले में विशेष सीबीआई अदालत द्वारा डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को शुक्रवार दोषी करार देने के बाद हरियाणा के कई हिस्सों में फैली हिंसा को लेकर सुरक्षा बलों की तत्परता पर सवाल उठाए। उमर ने अदालत के फैसले के बाद डेरा समर्थकों के हिंसा का सहारा लेने को लेकर ट्विटर पर लिखा, ‘‘मिर्च के बम? काली मिर्च पाउडर के ग्रेनेड? पैलेट गन? क्या बलों ने उन्हें केवल विरोध प्रदर्शन करने वाले कश्मीरियों के लिए ही रख छोड़ा है?’’ हरियाणा में डेरा अनुयायियों के उत्पात मचाने के बाद कम से कम पांच लोग मारे गए और सैकड़ों अन्य घायल हो गए।

उमर ने प्रभावित इलाकों में स्थिति के बारे में सुरक्षा बल के एक वरिष्ठ अधिकारी के बयान को लेकर हैरानी भी जतायी। नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष ने अधिकारी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि हिंसा के सभी दृश्य केवल फर्जी खबरें हैं। सबकुछ इन लोगों के नियंत्रण में है। ओबी वैन खुद ही तबाही मचा रहे हैं।’’

बता दें कि शुक्रवार को दुष्कर्म के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत से डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद भड़की हिंसा में 31 लोगों की मौत हुई है। मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, पंचकूला में 29 और सिरसा में दो लोगों की मौत हुई है। सीबीआई अदालत के फैसले के बाद हुई हिंसा में कम से कम 250 लोग घायल हुए हैं। घायलों में 60 पुलिसकर्मी भी हैं। बयान के मुताबिक, हरियाणा में स्थिति अब भी तनावपूर्ण, पर नियंत्रण में है। शनिवार को पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू में ढील दी गई है, ताकि स्थानीय लोग जरूरी सामान खरीद सकें। पंजाब के पटियाला, बठिंडा और फिरोजपुर में चार घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई। वहीं, हरियाणा के कैथल में कर्फ्यू में ढील दी गई।

हरियाणा के फतेहाबाद में कानून एवं व्यवस्था बनाने में अर्धसैनिकबलों और पुलिस की मदद के लिए सेना की तैनाती की गई। हरियाणा के सिरसा में तनाव की स्थिति बनी हुई है। यहां डेरा प्रमुख के एक लाख अनुयायी डेरा डाले हुए हैं। सरकार के मुताबिक, जिन जिलों में कर्फ्यू में ढील दी गई है, उनमें पटियाला, संगरूर, फिरोजपुर, मानसा, फरीदकोट, बठिंडा और मुक्तसर साहिब का मलोत तथा फजिल्का जिले का अबोहर शामिल है। पंजाब के बाकी बचे 13 जिलों में इस तरह की कोई घटना सामने नहीं आई है। पंजाब में जान एवं माल की हानि और गोलीबारी की कई घटना नहीं हुई है।