बस में कथित रूप से छेड़छाड़ करने वाले युवकों की धुनाई कर सुर्खियों में आर्इं दो बहनों के लिए घोषित बहादुरी पुरस्कार को गुरुवार को हरियाणा सरकार ने जांच लंबित रहने तक स्थगित रखने का फैसला किया। उस घटना के बाद के घटनाक्रम को देखते हुए हरियाणा सरकार ने यह फैसला किया। घटना के बाद उसी बस में सवार चार महिला यात्रियों ने दावा किया कि युवक निर्दोष हैं।

दूसरी ओर हरियाणा सरकार ने रोडवेज की उस बस के ड्राइवर और कंडक्टर को गुरुवार को फिर से बहाल कर दिया जिसमें यह घटना हुई थी। एक अधिकारी ने बताया कि हरियाणा रोडवेज की बस के ड्राइवर बलवान सिंह और कंडक्टर लाभ सिंह दोनों को तत्काल प्रभाव से फिर से बहाल कर दिया गया है। दोनों के खिलाफ विभागीय जांच लंबित है। हरियाणा परिवहन विभाग के महानिदेशक ने सोमवार को दोनों को निलंबित करने का आदेश जारी किया था।

जांच पूरी होने तक खट्टर सरकार ने रोका लड़कियों की बहादुरी का सम्मान (फोटो: भाषा)

 

हरियाणा के मुख्यमंत्री कार्यालय के विशेष कार्याधिकारी जवाहर यादव ने कहा कि राज्य सरकार के इन दो बहनों के लिए घोषित पुरस्कार, जो गणतंत्र दिवस पर प्रदान किया जाने वाला था, इस मामले की जांच चलने तक स्थगित कर दिया गया है। जिस किसी के खिलाफ सबूत मिलेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

लड़कियों के बस में लड़कों की धुनाई करते हुए वीडियो के सोशल मीडिया पर फैलने और खबरिया चैनलों के लड़कियों को बहादुर लड़कियां बताए जाने के बाद हरियाणा सरकार ने दोनों को गणतंत्र दिवस पर सम्मानित करने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा था कि दोनों लड़कियों ने उन तीन युवकों की हरकत का विरोध कर अदम्य साहस व बहादुरी का परिचय दिया, जो रोहतक में हरियाणा रोडवेज की चलती बस में उनसे छेड़खानी की कोशिश कर रहे थे। हालांकि हालात ने उस वक्त एक नया मोड़ ले लिया, जब उसी बस में सफर कर रहीं लड़कियों के गांव के पास के आसान गांव की रहने वालीं चार महिलाओं ने रोहतक के सदन थाने में एक हलफनामा देकर दावा किया कि तीनों लड़के बहनों के साथ छेड़छाड़ में शामिल नहीं थे।

कालेज जाने वालीं इन दोनों बहनों का चलती बस में कथित रूप से छेड़खानी करने वाले इन तीन युवकों से झगड़ा हुआ था। एक लड़की ने युवकों को बेल्ट से भी पीटा था, जबकि उस दौरान अन्य यात्री मूकदर्शक बने रहे थे। इन दोनों लड़कियों के अभिभावकों ने हरियाणा पुलिस में तीनों युवकों- कुलदीप, मोहित और दीपक के खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। तीनों गिरफ्तार किए गए थे और बाद में जमानत पर रिहा कर दिए गए। पुलिस के अनुसार उनके खिलाफ धारा 354 (महिला का शीलभंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक जबर्दस्ती) और धारा 323 (जानबूझकर नुकसान पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

लेकिन इस मामले ने तब नया मोड़ लिया जब इन्हीं लड़कियों के गांव आसन की ही रहने वालीं चार महिला सहयात्रियों ने रोहत के सदर थाने में हलफनामा देकर दावा किया कि युवकों ने इन दोनों बहनों से छेड़खानी नहीं की। एक और वीडियो भी सामने आया, जिसमें दोनों बहनें कथित रूप से छेड़ने पर एक पार्क में एक युवक की पिटाई कर रही हैं।

विमला नामक सहयात्री ने कहा-यह सीट को लेकर लड़ाई थी जिसमें लड़कों ने लड़कियों से कुछ नहीं कहा। लड़कों ने लड़कियों को नहीं छेड़ा। लड़कियों की मार से बचने के लिए लड़के बस से कूद गए। लड़कियों ने उनका पीछा भी किया। लड़कों ने तो कोई जवाब तक नहीं दिया। बिना उचित जांच के सरकार का लड़कियों का सम्मान करने का फैसला सही नहीं है। लड़कियों का चाल-चलन ठीक नहीं है।

जांच लंबित रहने तक सरकार ने रोडवेज बस के चालक और संचालक को बहाल कर दिया है जिन्हें इस घटना के सामने आने के बाद इस सप्ताह के शुरू में निलंबित कर दिया गया था। इसी बीच रोहतक के पुलिस अधीक्षक शशांक आनंद ने आश्वासन दिया कि इस उत्पीड़न मामले की जांच स्वतंत्र व निष्पक्ष ढंग से की जाएगी। उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी को मामले की सघन जांच करने का निर्देश दिया गया है।