हरियाणा सरकार में ‘सब कुछ सही’ नहीं दिख रहा है। कुछ दिनों पहले खट्टर सरकार के गृह मंत्री मंत्री अनिल विज ने राज्य पुलिस के आपराधिक जांच विभाग को फटकार लगाई थी। लेकिन अब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की आधिकारिक वेबसाइट और हरियाणा विधानसभा की वेबसाइट में “आपराधिक जांच विभाग” को खट्टर के 17 विभागों के तहत दिखाया गया है, न कि गृह मंत्री के पोर्टफोलियो के तहत। हालांकि यह साफ नहीं हो पाया है कि दोनों वेबसाइट में बदलाव कब किया गया लेकिन दोनों का अंतिम अपडेट मंगलवार को दिखा रहा है।
यद्यपि इस संबंध में मंगलवार देर शाम तक कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किए गए थे। ऐसे में यह बात नौकरशाही और मंत्रिस्तरीय हलकों में भ्रम पैदा कर रहा था। ‘बिजनेस ऑफ द हरियाणा गवर्नमेंट (एलोकेशन) रूल्स’ में यह साफ उल्लेखित है कि सीआईडी गृह विभाग का हिस्सा है। यह विभाग वर्तमान में अनिल विज के तहत है। लेकिन नए घटनाक्रम में इस नियम की अनदेखी की गई है। इस नियम के तहत ही राज्य सरकार और प्रत्येक मंत्री अपने आवंटित विभागों के कामकाज की समीक्षा करते हैं और उसे नियंत्रित करते हैं।
अनिल विज ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “बिजनेस ऑफ द हरियाणा गवर्नमेंट (एलोकेशन) रूल्स की पृष्ठ संख्या 30 पर नियम 5 में स्पष्ट रूप उल्लेखित है कि आपराधिक जांच विभाग गृह विभाग का हिस्सा है। जब तक इसे कैबिनेट में पारित नहीं किया जाता और संशोधित अधिसूचना जारी नहीं की जाती तब तक स्थिति को बदला नहीं जा सकता है।”
— ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) January 8, 2020
नाम नहीं बताने की शर्त पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “अब तक इस बदलाव के बारे में किसी तरह का आधिकारिक आदेश नहीं आया है। रुल्स ऑफ बिजनेस में यह स्पष्ट हैं कि सीआईडी गृह विभाग का हिस्सा है, जो गृह मंत्री के पास है। यदि स्थिति में कोई परिवर्तन हुआ है, तो हमें अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।”
नवंबर 2019 में जारी राज्य सरकार की अपनी अधिसूचना में जब सभी मंत्रियों को विभागों का आवंटन किया गया था। उस समय सीआईडी का उल्लेख न तो खट्टर और न ही विज के पोर्टफोलियो में किया गया था। एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “सीआईडी को विशेषतौर पर अलग पोर्टफोलियो के रूप में नहीं दर्शाया गया था क्योंकि यह गृह विभाग का एक हिस्सा है। मुझे नहीं पता कि क्यों और कैसे अब इसे सीएम के पोर्टफोलियो में दिखाया गया है।”

