लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी भारतीय सेना की ऐसी पहली महिला अफसर होंगी, जो नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड में पुरुष दल का नेतृत्व करेंगी। लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी के नेतृत्व में 144 जवान राजपथ पर मार्च करेंगे। महिला अफसर दूसरी बार राजपथ पर मार्च करेंगी। लेफ्टिनेंट भावना 9 साल पहले भी राजपथ पर मार्च कर चुकी हैं। दरअसल उस वक्त वह नेशनल कैडेट कोर्प्स का हिस्सा थीं। हालांकि पुरुष दल का नेतृत्व करने वाली पहली भारतीय महिला अफसर बनने का रास्ता इतना भी आसान नहीं था। दरअसल लेफ्टिनेंट भावना को इसके लिए सिलेक्ट होने के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट से गुजरना पड़ा, जिसमें कई सैन्य अधिकारी शामिल हुए। टेस्ट के बाद 4 सैन्य अधिकारियों को शॉर्टलिस्ट किया गया, जिनमें से 2 को चुना गया। इन्हीं में से एक लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी भी थीं।

6 महीने की मेहनत के बाद हुआ चयनः रेडिफ डॉट कॉम के साथ बातचीत में लेफ्टिनेंट भावना ने बताया कि ‘जब मैं सैन्य बलों के सुप्रीम कमांडर के सामने कमांड दूंगी और वह मेरा सैल्यूट लेंगे, तो वो लम्हा होगा, जिसका मैंने सपना देखा है।’ लेफ्टिनेंट भावना ने कहा कि ‘मैं काफी उत्साहित हूं और कोई भी अवार्ड इस फीलिंग की बराबरी नहीं कर सकता। यह मेरे लिए सबसे अच्छा उपहार है।’ ढाई साल पहले भारतीय सेना ज्वाइन करने वाली लेफ्टिनेंट भावना ने बताया कि उन्होंने यहां पहुंचने के लिए 6 महीने तक प्रैक्टिस की है, वहीं जवानों के जिस दल का वह नेतृत्व कर रही हैं, वह तो बीते 1 साल से इस परेड के लिए तैयारी कर रहा है।

सेना में शामिल होने वाली परिवार की पहली व्यक्तिः लेफ्टिनेंट भावना हैदराबाद की रहने वाली हैं और वहां की ओसमानिया यूनिवर्सिटी से उन्होंने माइक्रोबायोलॉजी में स्नातक डिग्री हासिल की है। फिलहाल वह आर्मी सर्विस कॉर्प्स में तैनात हैं, जो कि भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजीमेंट है। उल्लेखनीय है कि लेफ्टिनेंट भावना अपने परिवार की पहली व्यक्ति हैं, जो सेना में शामिल हुई हैं। स्कूल के दिनों में भावना ने एनसीसी ज्वाइन की और यहीं से ही वह भारतीय सेना की तरफ आकर्षित हुईं। लेफ्टिनेंट भावना के पति भी सेना में डॉक्टर हैं। लेफ्टिनेंट भावना के पति भी सेना में डॉक्टर हैं। लेफ्टिनेंट भावना का कहना है कि मेरे परिवार को मुझ पर गर्व है। उन्होंने आर्मी में रहते हुए मुझ में आए बदलावों को महसूस किया है। लेफ्टिनेंट भावना मानती हैं कि सेना में शामिल होने के बाद उनके जीवन में अनुशासन आया है।