Haldwani Violence: उत्तराखंड में भड़की हिंसा में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 100 से ज्यादा पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। हिंसा को रोकने को लिए पुलिस-प्रशासन ने हल्द्वानी कर्फ्यू लागू कर दिया है। साथ ही उपद्रवियों को गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। बता दें, हल्द्वानी में गुरुवार को उस वक्त हिंसा भड़की थी, जब पुलिस प्रशासन ने एक अवैध संरचना को बुलडोजर से ढहा दिया था। जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी।
हल्द्वानी में भड़की हिंसा को लेकर शुक्रवार को नैनीताल डीएम वंदन सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। वंदन सिंह ने कहा कि आप वीडियो में देख सकते हैं कि पुलिस बल किसी को उकसा और मार नहीं रहा है या किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहा है। सिंह ने कहा कि होई कोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी में जगह-जगह अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई। सभी को नोटिस और सुनवाई के अवसर दिए गए। कुछ ने होई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कुछ को समय दिया गया, जबकि कुछ को समय नहीं दिया गया। जहां समय नहीं दिया गया वहां पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की ओर से डिमोलिशन अभियान चलाया गया। यह कोई पृथक गतिविधि नहीं थी और किसी विशेष परिसंपत्ति को टारगेट करके की गई गतिविधि नहीं थी।
वंदना सिंह ने कहा कि ये काफी लंबे समय से हल्द्वानी के अंतर्गत सरकारी परिसंपत्तियों को अलग-अलग क्षेत्रों में बचाने का, अतिक्रमण मुक्त कराने का अभियान चल रहा है। उसी क्रम में खाली संपत्ति में दो संरचनाएं हैं, जो धार्मिक संरचना के रूप में पंजीकृत नहीं है और न ही कोई मान्यता प्राप्त है। कुछ लोग इस संरचना को मदरसा कहते हैं और कुछ लोग पूर्ण नमाज स्थल कहते हैं… इसको हमने खाली कराया।
नैनीताल जिलाधिकारी ने कहा कि ये योजना बनाई गई थी कि जिस दिन डिमोलिशन अभियान चलाया जाएगा उस दिन बलों पर हमला किया जाएगा… हमने पत्थरों वाली पहली भीड़ को तितर-बितर कर दिया और दूसरी भीड़ जो आई उसके पास पेट्रोल से भरे बोतल थे। उसमें उन्होंने आग लागकर के फेंकी।..तब तक हमारी टीम ने कोई बल प्रयोग नहीं किया था।
सिंह ने कहा कि हमने डिमोलिशन अभियान जारी रखने का फैसला किया, क्योंकि परिसंपत्तियों पर कोई रोक नहीं था, किसी व्यक्ति का अधिकार नहीं था… विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण हटाने की कानूनी प्रक्रिया चल रही है और इसलिए यहां भी ऐसा किया गया। हमारी टीमें और संसाधन मूव हुई और किसी को उकसाया या नुकसान नहीं पहुंचाया। उन्होंने कहा कि अभियान शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुआ… पूरी प्रक्रिया ठीक से होने के बावजूद आधे घंटे के भीतर एक बड़ी भीड़ ने हमारी नगर निगम टीम पर पहला हमला किया।
उन्होंने कहा कि उसके बाद भीड़ ने थाने को घेर लिया और थाने के अंदर मौजूद लोगों को बाहर नहीं आने दिया गया। उन पर पहले पथराव किया गया और फिर पेट्रोल बम से हमला किया गया। थाने के बाहर वाहनों में आग लगा दी गई और धुएं के कारण दम घुटने लगा…पुलिस थाने की सुरक्षा के लिए ही आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया।
सिंह ने कहा कि परिसंपत्तियों के नुकसान में मुख्य रूप से थाना को पूरी तरह से नुकसान हुआ है। भीड़ ने पुलिस स्टेशन को क्षतिग्रस्त कर दिया…यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। आरोपियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह सांप्रदायिक घटना नहीं थी। तो इसे सांप्रदायिक या संवेदनशील न बनाया जाए। किसी विशेष समुदाय ने जवाबी कार्रवाई नहीं की…यह राज्य मशीनरी, राज्य सरकार और कानून व्यवस्था की स्थिति को चुनौती देने का एक प्रयास था…शाम को फिर से ब्रीफिंग की जाएगी…”