ज्ञानवापी केस में ASI की रिपोर्ट सामने आ गई है जिसमें मंदिर के साक्ष्य मिलने का दावा किया गया है। असल में ASI ने दोनों हिंदू और मुस्लिम पक्ष को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। उस रिपोर्ट के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने मीडिया से बात करते हुए उस रिपोर्ट को लेकर काफी कुछ बताया। उनकी तरफ से जोर देकर कहा गया कि ASI को हिंदू मंदिर का साक्ष्य मिला है, कई ऐसी कलाकृतियां देखी गई हैं जिनका वास्ता हिंदू संस्कृति से है।
विष्णु शंकर जैन ने बोला कि ASI ने कहा है कि मौजूदा ढांचे के निर्माण से पहले वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था। यह ASI का निर्णायक निष्कर्ष है। विष्णु जैन की तरफ से बकायदा मीडिया के सामने उस रिपोर्ट को पढ़ा गया जिसमें लिखा था कि मस्जिद से पहले यहां पर एक भव्य हिंदू मंदिर हो सकता है। जैन के मुताबिक ये निष्कर्ष मायने रखता है और इससे हिंदू पक्ष के दावे एकदम सही साबित होते हैं।
अभी तक मुस्लिम पक्ष ने इस रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि ASI की रिपोर्ट में काफी कुछ पता चला है। 839 पन्नों की रिपोर्ट में स्वास्तिक के निशान, नाग देवता, कमल पुष्प, टूटी हुईं हिंदू देवी-देवताओं की मूर्ति का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक कुल 32 ऐसे प्रमाण मिले हैं जो वहां पर मंदिर होने के सबूत पेश करते हैं। खुलासा तो ये भी हुआ है कि कई ऐसे खंभे मौजूद जो असल में मंदिर के थे, लेकिन उनका इस्तेमाल ज्ञानवापी मस्जिद को बनाने में इस्तेमाल किया गया।
इस केस की बात करें तो हिंदू पक्ष का मानना है कि वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद को मुस्लिम शासकों ने मंदिर परिसर तोड़कर बनाया था। हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर के भीतर शृंगार गौरी की पूजा करने की अनुमति मांगी है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के तहत इन मामलों की सुनवाई ही कोर्ट में नहीं हो सकती है। इसी विवाद को लेकर अगस्त 2021 में हिन्दू पक्ष वाराणसी कोर्ट पहुंच था और ज्ञानवापी परिसर के अंदर पूजा अर्चना करने की अनुमति मांगी थी। निचली अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ज्ञानवापी परिसर के भीतर एएसआई को सर्वे करने का निर्देश दिया था।