केंद्र सरकार गैर-सरकारी संगठनों (NGO) को मिलने वाले विदेशी चंदे पर लगाम कसे हुए है। 2014 से लेकर अभी तक करीबन 16,000 लाइसेंस FCRA (फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेग्युलेशन एक्ट) के तहत रद्द किए जा चुके हैं। लेकिन, इस बीच गृहमंत्रालय ने गुजरात स्थित एक पाटिदार एनजीओ को विदेशी चंदे के लिए अनुमति दी है। पाटिदार एनजीओ का नाम विश्व उमिया फाउंडेशन है और यह विदेशी चंदा से मंदिर और उसके साथ ही एक कम्युनिटी कॉम्प्लेक्स भी बनाना चाहता है।

सूत्रों के मुताबिक इस एनजीओ को गुजरात के ताकतवर पाटिदार समुदाय का समर्थन हासिल है और इसे 2017 में NRI चंडू लाल पटेल ने शुरू किया। पटेल इससे पहले कांग्रेस से जुड़े रहे हैं। लेकिन, उन्होंने 2008 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी के साथ अपना रिश्ता जोड़ लिया। पटेल ही इस संस्था के प्रमुख संयोजक भी हैं। इसके अलावा पटेल अमेरिका स्थित इंडियन-अमेरिकन एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। हालांकि, गृहमंत्रालय ने इस एनजीओ के प्रति दरियादिली ऐसे वक्त में दिखाई है जब विदेशी चंदा लेने वाली कई गैर-सरकारी संस्थाओं पर नकेल कसी गई है।

पिछले सालों में सरकार ने कई नामी एनजीओ के लाइसेंस रद्द किए हैं। इनमें तीस्ता सीतलवाड़ की संस्था भी शामिल है। (गौरतलब है कि तीस्ता सीतवाड़ एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और वह गुजरात 2002 दंगे से काफी चर्चा में आईं। वह सांप्रदायिक दंगे के पीड़ितों की मुहिम के साथ जुड़ी थीं।) ग्रीनपीस और फोर्ड फाउंडेशन पर भी FCRA के उल्लंघन का आरोप हैं और ये जांच के दायरे में हैं। वहीं, गृहमंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि पाटिदार समुदाय का एनजीओ धार्मिक (हिंदू), शैक्षणिक और सामाजिक कार्यों की श्रेणी में है और यह विदेशी चंदा ले सकता है। यह तीन साल के बाद FCRA लाइसेंस हासिल कर सकता है। विश्व उमियाधाम मंदिर और कॉम्प्लेक्स के निर्माण के लिए 1000 करोड़ रुपये के बजट की तैयारी है। लेकिन, इसके लिए संस्था पहले ही परमिशन के लिए आवेदन कर सकती है।

द इंडियन एक्स्प्रेस के साथ बातचीत में संस्था के प्रमुख चंडू लाल पटेल ने भी स्पष्ट किया कि गृहमंत्रालय ने विदेशों में बसे प्रवासियों से चंदा लेने की हरी झंडी दे दी है। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद में बनने वाला यह मंदिर देवी उमिया माता को समर्पित होगा। इसे तकरीबन 40 एकड़ में बनाने की योजना है और इसका काम 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा।