गुजरात के एक गांव में ईसाइयों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। नवसारी जिला के गणदेवा गांव में हिंदू आदिवासी समुदाय के लोगों ने गुजराती में लिखा एक बैनर लगा दिया है, जिसमें लिखा है कि धर्मांतरण करने वाले ईसाई गांव में नहीं घुसें। गांव में लगभग 7,500 लोग रहते हैं और इनमें से अधिकांश अनुसूचित जनजाति हलपति समुदाय से संबंध रखते हैं। जबकि, बाकी बक्शीपंच समुदाय से हैं।
गांव के बाहर टंगे एक बैनर पर लिखा है,”ईसाई धर्म के तमाम भाई-बहन गणदेवा के हरिपुरा मोहल्ले में प्रवेश ना करें।” गांव के उपसरपंच जयंती मिस्त्री का कहना है,” गांव में ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार से स्थानीय हिंदू परेशान हैं। आज की तारीख में यहां 900 से ज्यादा ईसाई हैं। गांव में 70 परिवार हैं जिनमें से 12 परिवार ईसाई बन चुके हैं। हर रविवार को पड़ोसी जिलों से ईसाई पादरी आते हैं और ईसाई धर्म का प्रवचन देते हैं। ये लोग लोगों को बहला-फुसलाकर उनका धर्मांतरण कराते हैं।”
गांव के सरपंच सतीश कटारिया के मुताबिक उनके यहां धर्मांतरण की प्रक्रिया तब शुरू हुई, जब ईसाइयों द्वारा 8 साल पहले प्रार्थना-स्थली का निर्माण किया गया। सरपंच का कहना है,”पांच साल पहले दूसरी प्रार्थना-स्थली बनाई गई। इसके बाद तीसरे का निर्माण हुआ। डेढ़ साल पहले चौथी प्रार्थन-स्थली बनाई गयी। स्थानीय हिंदू आदिवासी इससे खुश नहीं हैं। लिहाजा, उन्होंने अपने मोहल्ले में बैनर लगा दिया है।” सरपंच ने बताया कि धर्मांतरण करने वालों में अधिकांश खेतिहर मजदूर और छोटे-मोटे काम करने वाले गरीब लोग हैं।
सरंपच का कहना है कि अभी तक बैनर के खिलाफ किसी ने आवाज नहीं उठाई है। लेकिन, ईसाई समुदाय के लोग इससे खफा जरूर हैं। हमने गांव के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। विवाद को बढ़ता देख गांव में पुलिस ने भी सोमवार को दौरा किया था और गांव के लोगों से बयान भी लिए। गांव के लोगों ने पुलिस को शांति व्यवस्था कायम रखने में पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है।