आरक्षण की मांग को लेकर जारी गुर्जरों के आंदोलन में रेल और सड़क मार्ग जाम किए जाने पर हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए प्रशासन से उसे खाली कराने को कहा है। हाई कोर्ट ने प्रशासन को हर हाल में ट्रैफिक को सामान्य तौर पर बहाल कराने का आदेश दिया है। इस बीच गुर्जरों और सरकार के बीच वार्ता के दौर जारी हैं।

राज्य में 21 मई से चल रहे गुर्जर आरक्षण आंदोलन में अब हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग और रेल पटरियां जाम करने पर नाराजगी जाहिर की है। हाई कोर्ट ने बुधवार को इस मामले में स्वत संज्ञान लेते हुए जयपुर और भरतपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) को आदेश दिया कि जयपुर-आगरा नेशनल हाइवे और दिल्ली-मुंबई रेल लाइन को किसी भी हालत में खाली कराया जाए। इसके लिए संबंधित जिला कलक्टरों को भी कहा गया है।


इसके साथ ही हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को गुरुवार को अदालत में तलब किया है। अदालत ने आंदोलन की वजह से रेलवे को हुए नुकसान की जानकारी भी मांगी है।

हाई कोर्ट जज आरएस राठौड़ ने सुनवाई के दौरान कहा कि वर्तमान में कानून व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतर गई है। इस आंदोलन को इतनी छूट कैसे दी गई। आदेश में कहा गया कि पुलिस आंदोलन के कारण प्रभावित इलाकों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कदम उठाए। अदालत ने रेलवे के डीआरएम को भी हाजिर रहने का आदेश दिया है।

हाई कोर्ट के आदेश के बाद सरकार में खासी हलचल मच गई। प्रशासन ने सुरक्षा बलों की अतिरिक्त टुकड़ियां गुर्जर बहुल इलाकों में भेजना शुरू कर दिया है। आंदोलनकारी गुर्जरों ने 21 मई से ही पीलुपुरा में दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर जाम लगा रखा है। आंदोलन स्थल से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार दोपहर बाद महिलाएं भी पटरियों पर बैठ गईं। आंदोलनकारियों ने दौसा जिले के सिकंदरा में जयपुर-आगरा नेशनल हाइवे को जाम कर रखा है। सिकंदरा में तो गुर्जरों ने वाहनों और दुकानों में तोड़फोड़ और आगजनी तक की। इससे इलाके में बुधवार को भी तनाव बना रहा।

सड़क और रेल मार्ग पर से आंदोलनकारियों को हटाने के लिए सरकार की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया का कहना है कि हाई कोर्ट के आदेश की पालना करना सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार समझा-बुझा कर आंदोलनकारियों को हटाने की कोशिश करेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि गुरुवार सवेरे तक दोनों मार्गों को खाली करवा लिया जाएगा। पुलिस बल का प्रयोग सरकार के लिए अंतिम विकल्प होगा।