गुजरात में एसएस यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को ‘राष्ट्र निर्माण’ और सरकार की तरफ से ‘अनुच्छेद 370 खत्म करने के समर्थन में’ आयोजित भारत एकता रैली में शामिल होने का फरमान मिला है। यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से वाट्सएप मैसेज के जरिये छात्रों से इस रैली में शामिल होने को कहा गया।

यूनिवर्सिटी ने यह संदेश वाट्सएप ग्रुप के जरिये सभी छात्रों को भेजा। इस संदेश में लिखा था, ‘राष्ट्र निर्माण के लिए यूनिवर्सिटी सभी एसएस यूनिवर्सिटी स्टाफ और स्टूडेंट्स को वडोदरा सिटीजन कमेटी की तरफ से भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 और 35 ए खत्म करने के समर्थन में आयोजित की जा रही रैली में शामिल होने का आग्रह करती है। ‘

इंडियन एक्सप्रेस ने इस संबंध में में जब एमएस यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार एनके ओझा से संपर्क किया तो उन्होंने कहा, ‘हमने एक संदेश भेज फैकल्टी के जरिये स्टाफ मेंबर्स और छात्रों को रैली में शामिल होने को कहा था। यह मैसेज वाट्सएप के जरिये सर्कुलेट हुआ था।’ यूनिवर्सिटी में 40 हजार छात्र पढ़ते हैं। इनमें 30 छात्र जम्मू और कश्मीर के भी हैं।

रैली को मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने हरी झंडी दिखाई थी। बीजेपी के यूनिवर्सिटी सिंडिकेट सदस्य ने कहा कि हमने सभी यूनिवर्सिटी छात्रों को कम से कम दो बार संदेश भेजा था। यह एक अच्छे उद्देश्य के लिए था और हमनें छात्रों और स्टाफ मेंबर्स को स्वैच्छिक रूप से शामिल होने को कहा था। किसी को भी जबरदस्ती नहीं कहा गया था।

इस बारे में कांग्रेस के सदस्य कपिल जोशी ने यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से इस तरह के संदेश भेजे जाने की आलोचना की। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक आदेश की बजाय वे इसके लिए सार्वजनिक नोटिस लगा सकते थे। कार्यक्रम आयोजित हो रहा है तो जिसकी भी उसमें रुचि होगी वह उसमें शामिल होता।

एसएस यूनिवर्सिटी के अलावा रैली में विभिन्न प्राइवेट कॉलेजों के छात्रों ने भी हिस्सा लिया। रैली का नेतृत्व वडोदरा कश्मीर सभा ने किया। इस सभा का गठन वडोदरा में रहने वाले कश्मीरी पंडितों ने किया है। रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने सरकार की तरफ से अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने को ‘ऐतिहासिक’ कदम बताया।