महत्त्वपूर्ण कर सुधारों वाला जीएसटी विधेयक सोमवार (8 अगस्त) को लोकसभा में आएगा। इस पर लगभग सभी राजनीतिक दलों ने अपना समर्थन जाहिर किया है। 1991 के बाद सबसे बड़े आर्थिक सुधारों की शुरुआत करने वाले जीएसटी विधेयक के निचले सदन में आसानी से पारित हो जाने की संभावना है। देश को दुनिया के सबसे बड़े एकल बाजार में परिवर्तित करने के लिए एक समान मूल्यवर्धित कर प्रणाली वाला यह विधेयक विभिन्न राज्यों के विभिन्न करों का स्थान लेगा। लोकसभा में विधेयक पर बहस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी चर्चा में हस्तक्षेप करने की संभावना है। विधेयक को लोकसभा ने पिछले साल पारित किया था और अब राज्यसभा की ओर से अनुमोदित संशोधनों को शामिल करने के लिए इसे वापस लोकसभा में लाया जाएगा।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को जल्द लागू कराने का मकसद लेकर चल रहे वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों ने राजग शासित सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से बात कर यह सुनिश्चित करने कहा है कि राज्य विधानसभाएं जितना जल्दी संभव हो, संवैधानिक संशोधनों का अनुमोदन कर दें। मुख्यमंत्रियों ने आश्वासन दिया है कि जरूरत पड़ने पर वे विधेयक को अपनी-अपनी विधानसभाओं में पारित कराने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएंगे। संसद द्वारा पारित किए जाने के 30 दिन के भीतर जीएसटी को कम से कम 16 राज्यों की मंजूरी मिलना जरूरी है।
विधेयक पर करीब एक साल तक कड़े विरोध का सामना करने के बाद सरकार कांग्रेस समेत सभी प्रमुख विपक्षी दलों को साथ लाने में कामयाब हो गई और तीन अगस्त को भारी बहुमत से उच्च सदन ने इसे पारित कर दिया था। जीएसटी को लागू करने के लिए आधार तैयार करने संबंधी संविधान (122वां संशोधन) विधेयक 2014 को विपक्षी बहुमत वाले उच्च सदन में सरकार द्वारा चार संशोधन पेश किए जाने के बाद पारित किया गया था।
जीएसटी के एक बार लागू होने के बाद सभी बाकी कर जैसे उत्पाद कर, सेवा कर, चुंगी और अन्य शुल्क समाप्त हो जाएंगे और इससे होने वाले राजस्व को केंद्र व राज्यों के बीच साझा किया जाएगा। नए जीएसटी कानून के तहत वस्तुओं पर कर उपभोग के स्तर पर लगाया जाएगा। इससे पहले उत्पादों वस्तुओं पर कर विभिन्न स्तर पर और भिन्न भिन्न तरीके से लगाया जाता था।
करीब एक दशक पहले जीएसटी का पहली बार प्रस्ताव पेश किया गया था और इसे भारत की अर्थव्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन करने वाली व्यवस्था के रूप में देखा जा रहा है। यहां तक संभावनाएं जताई जा रही हैं कि इससे जीडीपी में दो फीसद अंकों की वृद्धि होगी। साथ ही कारोबार करना सरल होगा और विनिर्माण क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। यह भी संभावना जताई जा रही है कि इससे कर कानूनों का बेहतर अनुपालन होगा और सरकारी राजस्व में वृद्धि होगी।
कांग्रेस का विप:
कांग्रेस नेता और लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार (7 अगस्त) को बताया कि पार्टी ने अपने सभी सांसदों को सोमवार (8 अगस्त) को लोकसभा में मौजूद रहने के लिए विप जारी किया है। जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश किया जा सकता है। कांग्रेस ने विधेयक का समर्थन किया है और सिंधिया का कहना है कि सरकार के लिए किसी तरह से कर की अधिकतम दर तय करना महत्त्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा- हम संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन कर रहे हैं। यह इसके गुण-दोषों के आधार पर है। जीएसटी देश के लिए महत्त्वपूर्ण है। पार्टी संशोधनों के साथ विधेयक का समर्थन करेगी जिन्हें लेकर सत्तारूढ़ पार्टी ने हमें आश्वस्त किया है। बुधवार (3 अगस्त) को 122वें संविधान संशोधन विधेयक को राज्यसभा में पारित किया गया। इसमें देश में एक कर प्रणाली के रूप में जीएसटी लागू करने के लिए संविधान में संशोधन किया जा रहा है।