तकनीक में बदलाव कर सड़क हादसों को कम किया जा सके है। इसी पहल के तहत देश में जल्द ही केंद्र सरकार चौदह विभिन्न क्षेत्र के कामगारों को उनके क्षेत्र का विशेषज्ञ बनाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार के सड़क और परिवहन मंत्रालय ने कोरोनाकाल के बाद पहली बार अपने सभी 14 क्षेत्र के कामगारों के लिए एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया है। इसके तहत कामगारों का कौशल विकास किया जाएगा और प्रशिक्षण के दौरान कामगारों को घंटों के हिसाब से मेहनताना दिया जाएगा।
योजना को लागू करने के लिए केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय ने देश के सभी मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों ओर सड़क निर्माण क्षेत्र से जुड़े विभागों को एक इस योजना की जानकारी भेजी है। देश के कोरोना संक्रमण काल से पूर्व इस तरह के प्रशिक्षण दिए जा रहे थे लेकिन संक्रमण से बचाव के लिए इस प्रकार के सभी प्रशिक्षण रोक दिए गए थे।
कोरोना संक्रमण काल कसे हुई राहत के बाद मंत्रालय द्वारा इस कार्यक्रम को एक बार फिर से शुरू करने का फैसला लिया गया है। इसके तहत मंत्रालय वित्त वर्ष 2023 -24 में होने वाले करीब दो सौ करोड़ रुपए की राजमार्ग से संबंधित परियोजनाओं पर काम करेगा। इस परियोजना के लिए मंत्रालय द्वारा तैयार की गई कार्य योजना के तहत काम किया जाएगा।
मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक इस कार्यक्रम में स्थानीय आवश्यकताओं को देखते हुए चौदह प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रम में मुख्य तौर पर सहायक स्टील फिक्सर, फोर मैन कंक्रीट, सहायक कंक्रीट लैब, कंस्ट्रक्शन इलेक्ट्रिक्स, सहायक फैब्रिक्रेटर, कंस्ट्रक्शन वेल्डर जैसे अहम क्षेत्र शामिल किए गए हैं। इन सभी प्रशिक्षण के घंटों को भी मंत्रालय ने तय किया है।
इन सभी क्षेत्रों के लिए प्रशिक्षुओं को 35 रुपए से लेकर 42 रुपए प्रति घंटा के हिसाब से मेहनताना देना भी तय किया गया है। इन सभी क्षेत्रों में काम करने वाले प्रशिक्षुओं के कामकाज का भी आकलन होगा और यह कार्य परियोजना निदेशक स्तर का अधिकारी करेगा। इस कार्य के लिए संबंधित अधिकारी को एक प्रशिक्षु के लिए 1200 रुपए का भुगतान किया जाएगा।