भारत ने अब कनाडा के साथ भारतीय राजनयिक मिशनों और वाणिज्य दूतावासों पर अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों (Indian diplomatic missions and consulates) द्वारा किये गए हमलों का विरोध दर्ज कराया है। विदेश मंत्रालय द्वारा रविवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार शनिवार को कनाडा के उच्चायुक्त (High Commissioner of Canada) को विदेश मंत्रालय ने तलब किया।
विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने पिछले सप्ताह कनाडा में भारतीय राजनयिक मिशनों और वाणिज्य दूतावासों पर हुए हमलों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है, “भारत सरकार ने स्पष्टीकरण मांगा है कि ऐसे तत्वों को पुलिस की मौजूदगी में हमारे राजनयिक मिशन और वाणिज्य दूतावासों की सुरक्षा में सेंध लगाने की अनुमति कैसे दी गई।”
विदेश मंत्रालय ने कहा, “यह उम्मीद की जाती है कि कनाडाई सरकार हमारे राजनयिकों की सुरक्षा और हमारे राजनयिक परिसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सभी कदम उठाएगी। ताकि वे अपने सामान्य राजनयिक कार्यों को पूरा करने में सक्षम हों। भारत ने कनाडा सरकार को वियना कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों की याद दिलाई और उन व्यक्तियों को गिरफ्तार करने और उन पर मुकदमा चलाने के लिए कहा, जिनकी पहचान पहले ही इस तरह के कृत्यों में शामिल होने के रूप में की जा चुकी है।”
कनाडा विशेष रूप से पंजाब से बड़ी संख्या में भारतीय डायस्पोरा का घर है। पिछले सितंबर में विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों और छात्रों के लिए एक सलाह जारी की। भारत ने कनाडा में “घृणित अपराध, सांप्रदायिक हिंसा और भारत विरोधी गतिविधियों की घटनाओं में तेज वृद्धि” का हवाला देते हुए कनाडा में रह रहे नागरिकों के एडवाइजरी जारी की।
हाल ही में अमेरिका और ब्रिटेन में भारतीय दूतावासों में तोड़फोड़ की कई घटनाएं हुई हैं। दो हफ्ते पहले खालिस्तान समर्थक नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग में भारतीय ध्वज को उतार दिया था। पिछले रविवार को सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर प्रदर्शनकारियों ने खालिस्तान समर्थक नारे लगाते हुए हमला किया था। उन्होंने अस्थायी सुरक्षा अवरोधों को तोड़ दिया और वाणिज्य दूतावास परिसर के अंदर दो खालिस्तानी झंडे लगा दिए थे।