हवाई किराए में जारी उछाल के बीच सरकार ने सोमवार को विमानन कंपनियों से किराये को वाजिब स्तर पर रखने के लिए एक व्यवस्था बनाने को कहा। एअरलाइंस सलाहकार समूह की एक घंटे तक चली बैठक में नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने देश में कुछ खास हवाई मार्गों पर किराए में आए उछाल को लेकर चिंता जाहिर की।
इसके साथ ही नागर विमानन मंत्रालय ने कहा कि किसी आपदा की स्थिति में एअरलाइंस को मानवीय स्थितियों को ध्यान में रखते हुए टिकटों के दाम पर कड़ी नजर रखनी होगी ताकि उस इलाके में टिकटों के दाम में अचानक बढ़ोतरी को नियंत्रित किया जा सके। ओड़ीशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे को देखते हुए सरकार ने एअरलाइंस को मृतकों के परिजनों को मुफ्त कार्गो सेवाएं देने की भी सलाह दी है।
गो फर्स्ट एअरलाइन के दिवाला समाधान प्रक्रिया में चले जाने से उनके परिचालन वाले मार्गों पर किराया बहुत अधिक हो गया है। इसके अलावा अन्य मार्गों पर भी एअरलाइन कंपनियों ने किराए को ऊंचे स्तर पर रखा हुआ है। इसे लेकर व्यापक स्तर पर नाराजगी देखने को मिल रही है। इस तरह के हालात में हवाई यात्रियों को होने वाली मुश्किलों से राहत दिलाने के लिए यह बैठक बुलाई गई थी।
इसमें सरकार की तरफ से विमानन कंपनियों को अपने स्तर पर हवाई टिकटों के दाम में बढ़ोतरी पर नजर रखने को कहा गया है। नागर विमानन मंत्रालय ने बैठक के बाद जारी बयान में कहा कि एअरलाइंस को टिकटों की बुकिंग के समय किराए को वाजिब स्तर पर रखने के लिए एक व्यवस्था बनाने के लिए कहा गया।
हवाई किराए की व्यवस्था पर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) भी नजर रखेगा। मौजूदा समय में सरकार ने हवाई किराए को नियमन से मुक्त किया हुआ है। इस तरह एयरलाइंस को ही हवाई टिकटों के दाम तय करने का अधिकार मिला हुआ है। किसी भी एअरलाइन के टिकट के दाम कई स्तरों से निर्धारित होते हैं।
दुनिया में विमानन बाजार तेजी से बढ़ रहा है। वहीं भारत में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। नवीनतम सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल के महीने में घरेलू एअरलाइंस ने 1.28 करोड़ से अधिक यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया था।
