गोरखपुर के एक होटल में 27 सितंबर को कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की मौत के मामले में अहम सुराग मिला है। सामने आए सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि 5 पुलिसकर्मी मनीष गुप्ता के हाथ-पैर पकड़कर अचेत अवस्था में होटल कृष्णा पैलेस से बाहर लाए थे। फिर इसके बाद मनीष को पुलिस की बोलेरो में लिटाया गया था। यह पूरी घटना सीसीटीवी फुटेज में कैद है।
होटल स्टाफ से दरोगा ने की थी बात: सामने आई जानकारी से पता चला है कि मनीष को 27 सितंबर को 12.24 पर पुलिसकर्मी होटल से बाहर लाए थे। जब मनीष को होटल को बाहर लाया गया तो उसी वक्त एक बोलेरो होटल के सामने आकर रुकी। इस दौरान पुलिसकर्मी आपस में बातें भी करते नजर आ रहे हैं। वहीं होटल स्टाफ(आदर्श) से दरोगा अक्षय मिश्रा कुछ बात करते हैं और फिर उसकी बाइक पर सवार होकर बोलेरो के पीछे निकल जाते हैं।
अस्पताल के संचालक ने कही ये बात: वहीं जब मनीष को अस्पताल ले जाया गया तो, वहां आरोपी इंस्पेक्टर जेएन सिंह ने निजी अस्पताल मानसी के चिकित्सक और कर्मचारियों से कहा था कि चेकिंग के दौरान गिर जाने से नाक से खून निकल रहा है, इसका इलाज कीजिए। अस्पताल के संचालक डॉक्टर पंकज कुमार दीक्षित ने भी कहा है कि, उन्होंने CCTV में देखा कि मनीष बेसुध हाल में थे।
SIT ने शुरू किया अपना काम: बता दें कि मनीष गुप्ता की मौत की गुत्थी को सुलझाने के लिए एसआईटी की टीम गोरखपुर पहुंची हुई है। टीम ने अपनी जांच में जब होटल के तीसरे फ्लोर पर स्थित कमरा नंबर 512 पर कैमिकल डाला तो जहां से खून के धब्बे साफ किए गए थे, वहां वो फिर से उभर आए। ऐसे में साक्ष्यों को कब्जे में लेकर टीम ने खून के धब्बों पर प्लास्टिक लगा दिया है।
बता दें कि इस मामले में पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि उनकी पिटाई की वजह से ही कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत हुई। वहीं इसकी जांच कर रहे एसआईटी टीम को लीड करने वाले एसीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने जानकारी दी है कि, अभी कुछ दिनों तक हमारी टीम गोरखपुर में परीक्षण करेगी।