गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज कांड में आरोपी डॉ.कफील खान ने सोशल मीडिया और कुछ मीडिया चैनलों के  जरिए बीते दिनों दावा किया था कि उन्हें कई आरोपों में बरी कर दिया गया है। हालांकि अब डॉ.कफील खान के दावों को यूपी के प्रमुख सचिव रजनीश दुबे ने खारिज कर दिया है। प्रमुख सचिव ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि डॉक्टर कफील शासन द्वारा किसी भी मामले में क्लीनचिट नहीं दी गई है। उन्होंने बताया कि कफील खान के खिलाफ 7 मामलों में आरोप लगे हैं, जिनकी जांच अभी भी जारी है।

प्रमुख सचिव रजनीश दुबे ने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज की घटना में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने के बाद डॉ.कफील के खिलाफ 4 मामलों में विभागीय कार्रवाई की गई थी। उन्होंने कहा कि डॉ.कफील पर सरकारी सेवा में रहते हुए प्राइवेट प्रैक्टिस करने का आरोप साबित हो गया है। प्रमुख सचिव ने कहा कि डॉ.कफील गलत तरीके से अपनी क्लीनचिट को प्रसारित कर रहे हैं।

डॉ. कफील पर निलंबन के दौरान बहराइच सरकारी अस्पताल में जबरन इलाज करने का प्रयास करने का भी आरोप है। जिससे वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया था। इस मामले में उन पर केस दर्ज हुआ था। इनके अलावा डॉ.कफील खान पर अनुशासनहीनता, भ्रष्टाचार, कर्तव्य पालन में लापरवाही के आरोप भी लगे हैं।

बता दें कि बीते दिनों डॉ. कफील खान ने कहा था कि ‘दो साल बाद क्लीन चिट मिलने से खुश हूं और राहत मसहूस कर रहा हूं।’ डॉ.कफील खान अगस्त 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के मामले मे आरोपी बनाए गए थे। इस मामले में वह 8 माह जेल में भी रहे।