Google Trends: उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद सीओ अनुज चौधरी का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि पुलिस की गोली से किसी की मौत नहीं हुई है। चौधरी ने इन आरोपों का खंडन किया कि उन्होंने पुलिस को गोली चलाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई। मीडिया से बातचीत में चौधरी ने बताया, “हम कोर्ट के आदेश पर सर्वे कराने गए थे। अंदर सर्वे चल रहा था, जबकि बाहर भीड़ इकट्ठा होकर उपद्रव कर रही थी। लोगों को किसी ने भ्रमित किया था, जिसके चलते पहले दिन का सर्वे सही से नहीं हो पाया। रिपोर्ट 29 तारीख को सौंपनी थी, इसलिए हमें दोबारा सर्वे करना पड़ा।” इस घटना में सीओ अनुज चौधरी के पैरों में भी गोली लग गई थी। इससे वे घायल हो गए थे।
सीओ ने मीडिया से बातचीत में यह कहा
अनुज चौधरी ने कहा, “पुलिस को आत्मरक्षा का अधिकार है। हम मरने के लिए पुलिस में भर्ती नहीं हुए। इस तरह के उपद्रवियों से जान का खतरा बना रहता है। पुलिसकर्मियों के भी परिवार और बच्चे होते हैं। अगर किसी पुलिसकर्मी की जान जाती है, तो उसका परिवार बर्बाद हो जाता है। संभल में 4 से 6 घंटे जो हालात रहे, पहले उन्हें समझने की जरूरत है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जिन लोगों को गोली लगी है, वह पुलिस की बंदूक से नहीं चली। वहां हजारों की भीड़ थी, और यह पता करना कठिन है कि गोली किसने चलाई। चौधरी ने पुलिस पर लगे सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि पुलिस ने कानून के दायरे में रहकर काम किया।
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने किया कमेंट
उनके इस बयान पर कई लोगों ने कमेंट किए हैं। @DeepikaRanjan90 नाम के एक यूजर ने लिखा, “रियल हीरो।” @Ritesh_Mishraaa नाम के एक अन्य यूजर ने लिखा, “बिल्कुल सही जवाब दिया, जीने का अधिकार तो इनका भी है।” @radheyshyamrai7313 नाम के एक दूसरे यूजर ने लिखा, “बिल्कुल सही पुलिस के परिवार की चिंता भी होनी चाहिए।” @pramodbajpai5611 नाम के एक यूजर ने कमेंट किया, “पहली बार किसी पुलिस अधिकारी ने यथार्थ सत्य बात की है। आत्मरक्षा का सभी को अधिकार है।दंगा समर्थक नेताओं के ऊपर भी कार्रवाई होना चाहिए।”
संभल में उपद्रवियों से होगी नुकसान की वसूली
संभल में मस्जिद पर सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद बुधवार को स्थिति सामान्य होती नजर आ रही है। स्कूल और कॉलेज खोल दिए गए हैं, और आम दुकानों को भी संचालन की अनुमति मिल गई है। हालांकि, एहतियात के तौर पर जिले में इंटरनेट सेवाएं अब भी बंद हैं। प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी है। मुख्य चौराहों पर पुलिस बल तैनात है, और रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती भी की गई है। हिंसा में पांच लोगों की मौत के बाद, 30 नवंबर तक बाहरी लोगों और जनप्रतिनिधियों के जिले में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में अब तक 27 लोगों को गिरफ्तार किया है और कुल 11 एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें से सात एफआईआर पुलिस ने, जबकि चार मृतकों के परिजनों ने दर्ज कराई हैं। हिंसा के बाद इलाके में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए पुलिस शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सतर्क है। प्रशासन किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सभी एहतियाती कदम उठा रहा है। यहां करें क्लिक