Prasanta Chandra Mahalanobis, प्रशांत चंद्र महालनोबिस: गूगल ने महान भारतीय वैज्ञानिक और प्रसिद्ध सांख्यिकीविद प्रशांत चंद्र महालनोबिस की याद में बेहद खास डूडल बनाया है। आज प्रशांत चंद्र महालनोबिस का 125वां जन्मदिन है। उन्हें प्रसिद्ध सिद्धांत प्रशांत चंद्र महालनोबिस डिसटेंस के लिए भी याद किया जाता है। जहां एक तरफ गूगल ने प्रशांत चंद्र महालनोबिस के सम्मान में डूडल बनाया है तो वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार भी इस महान वैज्ञानिक का जन्मदिन बेहद खास अंदाज में मना रही है। दरअसल, प्रशांत चंद्र महालनोबिस की जयंती को सांख्यिकी दिवस के रूप में भी मनाया जाता है और इस मौके पर शुक्रवार (29 जून) को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू 125 रुपए का सिक्का जारी करने जा रहे हैं। सरकार की तरफ से 125 का सिक्का प्रशांत चंद्र महालनोबिस की 125वीं जयंती के अवसर पर जारी किया जा रहा है। इसके साथ ही 5 रुपए का भी नया सिक्का जारी किया जाएगा। प्रशांत चंद्र महालनोबिस प्रसिद्ध सांख्यिकीविद तो थे ही, साथ ही वह स्वतंत्र भारत के पहले प्लानिंग कमीशन के सदस्य भी थे।
प्रशांत चंद्र महालनोबिस का जन्म 28 जून 1972 के दिन कोलकाता में बंगाली परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ब्राम्हो बॉयज स्कूल कोलकाता में ली थी। प्रशांत चंद्र महालनोबिस ने 1908 में ग्रेजुएशन किया था उसके बाद उन्होंने कोलकाता के प्रेसिडेंसी कॉलेज ज्वॉइन किया था। प्रेसिडेंसी कॉलेज को वर्तमान में प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी के नाम से भी जाना जाता है, यहां उन्होंने महान वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस और प्रफुल चंद्र राय से शिक्षा ग्रहण की थी। फिजिक्स में बेचलर की डिग्री हासिल करने के बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन चले गए।
प्रशांत चंद्र महालनोबिस ने प्रेमाथा नाथ बनर्जी, निखिल रंजन सेन और श्री आरएन मुखर्जी के साथ मिलकर 1931 में भारतीय सांख्यिकीय संस्थान (आई.एस.आई.) की स्थापना की थी। इस संस्थान को 1959 में संसद के एक अधिनियम द्वारा राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थान का दर्जा प्राप्त हुआ था। प्रशांत चंद्र महालनोबिस ने रविंद्र नाथ टैगोर के सेक्रेटरी के तौर पर भी काम किया था। विज्ञान और सांख्यिकी के क्षेत्र में खास योगदान देने के लिए प्रशांत चंद्र महालनोबिस को भारत सरकार द्वारा पद्म विभुषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। प्रशांत चंद्र महालनोबिस को सर्वे के क्षेत्र में खास योगदान के लिए भी याद किया जाता है। उन्होंने पायलेट सर्वे की अवधारणा पेश की थी। प्रशांत चंद्र महालनोबिस ने अपने 79वें जन्मदिन के एक दिन पहले यानी 28 जून 1972 के दिन अंतिम सांस ली थी। अपनी मृत्यू के वक्त वह भारतीय सांख्यिकीय संस्थान के डायरेक्टर तो थे ही, साथ ही साथ वह भारत सरकार के मानद सांख्यिकीय सलाहकार भी थे।