गोवा के बीच पर बने छोटे छोटे छप्परों में अब सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य होगा। गोवा के टूरिज़्म मिनिस्टर दिलीप परुलेकर ने कहा कि सैलानियों की सेफ्टी और सिक्युरिटी को ध्यान में रखते हुए गोवा के समुद्र तटों पर बने ‘शैक्स’ में सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य किया गया है। गोवा सरकार की ओर से पेश की गई नई ‘बीच शैक पॉलिसी’ के मुताबिक अब उन्हीं ‘बीच शैक्स’ को लाइसेंस दिया जाएगा जो अपने परिसर में सीसीटीवी कैमरा इंस्टॉल करेंगे। नई ‘बीच शैक पॉलिसी’ को शुक्रवार को कैबिनेट से अप्रूवल मिल सकता है।
नई ‘बीच शैक पॉलिसी’ में अब एक साल के स्थान पर तीन साल के लिए लाइसेंस जारी किए जाने का प्रावधान है। यहां के बीचों पर जल्द ही वाईफाई सेवा शुरू होने वाली है। इसी के साथ ये 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों की नजर में भी रहेंगे। गोवा के इन बीचों को वाईफाई और सीसीटीवी से कवर करने में 100 करोड़ का खर्च आएगा। गोवा के टूरिज्म मिनिस्टर दिलीप परुलेकर के मुताबिक, गोवा अपनी नाइट लाइफ के लिए जाना जाता है और सबसे ज्यादा क्राइम भी नाइट में ही होते हैं। सीसीटीवी कैमरों की नजर में रहने से यहां आने वाले टूरिस्टों की सिक्यूरिटी बढ़ेगी।
गौरतलब है कि गोवा के समुद्र तटों पर नारियल के पत्तों से बनी एक जैसी दिखने वाली छोटी-छोटी झोपड़ियों को ‘बीच शैक्स’ के नाम से जाना जाता है। यह हर साल लाखों की संख्या में आने वाले सैलानियों के बीच काफी प्रसिद्ध है और लोग इनमें बैठकर खाने पीने का आनंद उठाते हैं।कोंकण के दक्षिणी तट पर बसा गोवा आज देश विदेश के लाखों सैलानियों की पसंदीदा जगह है। पूरे विश्व में सबसे ज्यादा तकरीबन 40 लाख टूरिस्ट हर साल यहां आते हैं। दुनियाभर के समुद्र तटों पर इस तरह के ‘बीच शैक्स’ पाये जाते हैं, जिनमें टूरिस्ट्स फूड, ड्रिंक और म्यूजिक का आनंद लेते हैं। हालांकि, एंटी नार्कोटिक्स डिपार्टमेंट के छापे में बहुत से बीच शैक्स से ड्रग्स और प्रतिबंधित नशीला पदार्थ भी बरामद किया जाता रहा है।
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