एलजीबीटी समुदाय के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करने के कारण आलोचनाओं से घिरे गोवा के मंत्री रमेश तावडकर ने आज इस मुद्दे पर यह कहते हुए पलटी मारी कि इस मुद्दे पर उन्हें गलत समझा गया और उन्हें गलत तरीके से पेश किया गया।
तावडकर ने पीटीआई भाषा को बताया, ‘‘मुझे गलत समझा गया और गलत तरीके से पेश किया गया। मैं एलजीबीटी (युवाओं) के बारे में बात नहीं कर रहा था। मैं तो नशीली दवाओं के सेवन के आदी और यौन उत्पीड़न के शिकार युवाओं की बात कर रहा था।’’
हालांकि स्थानीय चैनल लगातार उस फुटेज को चला रहे थे, जिसमें वह एलजीबीटी युवाओं को ‘सामान्य’ बनाने के लिए चिकित्सीय उपचार उपलब्ध करवाने का आश्वासन देते दिखाई दे रहे थे।
मंत्री रमेश तावड़कर ने कहा था कि सरकार समलैंगिक और किन्नर (एलजीबीटी) युवाओं का इलाज कराने के लिए केंद्रों की स्थापना पर विचार कर रही है ताकि उन्हें ‘सामान्य’ बनाया जा सके ।
गोवा सरकार की युवा नीति की घोषणा करते हुए तावड़कर ने पत्रकारों से कहा, ‘हम एलजीबीटी युवाओं को सामान्य बनाएंगे। हम उनके लिए केंद्रों की स्थापना करेंगे । नशामुक्ति केंद्रों की तरह ही हम ऐसे केंद्र बनाएंगे।
हम उन्हें प्रशिक्षण और दवाएं दोनों देंगे ।’ सरकार की युवा नीति में एलजीबीटी समुदाय को ऐसे कलंकित समूहों की सूची में शामिल किया गया है जिन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।