भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर जारी तनाव के बीच एक खबर सुकून पहुंचाने वाली है। ‘अतिथि देवो भव’ सिद्धांत का पालन करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान से आए 20 सदस्यीय दल की पूरी आवभगत सुनिश्चित कराई। ग्लोबल यूथ पीस फेस्ट में पाकिस्तान से हिस्सा लेने चंडीगढ़ आए प्रतिनिधिमंडल के 20 सदस्यों में से 19 लड़कियां हैं। सुषमा ने अायोजकों को फोन कर न सिर्फ दल की सुरक्षा, बल्कि उनके रहने-खाने की व्यवस्था के बारे में भी जानकारी ली। युवसत्ता के को-आर्डिनेटर प्रमोद शर्मा से सुषमा ने पूछा कि पाकिस्तानी दल कहां रह रहा है, यहां क्या कर रहा है और वापसी कब की है। उन्होंने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की प्रमुख अालिया हैदर, जो कि भारत-पाकिस्तान मित्रता की पहल ‘आगाज-ए-दोस्ती’ की संस्थापक भी हैं, से भी बात की। उन्होंने आलिया से पूछा कि क्या उन्हें भारत की तरफ से किसी तरह की सहायता की जरूरत है। सुषमा ने आलिया से कहा कि अगर उन्हें किसी भी वक्त कोई समस्या हो तो वह तुरंत उन्हें खबर करें। सुषमा ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में मेहमानाें को भगवान माना जाता है और उन्हें भारत की अच्छी यादों के साथ अपने देश वापस लौटना चाहिए। इससे पहले पाकिस्तानी उच्चायुक्त को इस प्रतिनिधिमंडल को शनिवार सुबह संबोधित करना था, लेकिन बाद में वह कार्यक्रम स्थगित हो गया।
बारामूला में आतंकी हमला, देखें वीडियो:
एलओसी के पार भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक्स के बाद इन लड़कियों को पाकिस्तान से उनके परिवार वाले फोन कर रहे हैं। आलिया ने कहा- ”हम सभी को परिवार के सदस्य फोन कर हाल-चाल पूछ रहे हैं।” शनिवार को प्रतिनिधिमंडल ने राजनैतिक मामलों से जुड़े किसी भी सवाल से बचने की कोशिश की। 18 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में सेना के कैंप पर आतंकी हमले में 20 जवानों के शहीद होने के बाद से ही भारत-पाकिस्तान के बीच तलवारें खिंची हुई हैं। ऐसे में विदेश मंत्री का पाकिस्तानी मेहमानों की परवाह कर संदेश देना सुखद एहसास है। इससे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि नरम राष्ट्र की उभरेगी और पाकिस्तान का पक्ष कमजोर साबित होगा।