हाल ही में भारत प्रत्यर्पित कर लाए गए गैंगस्टर रवि पुजारी ने अपने काम के तरीके में कुछ बदलाव किए, जिनके चलते उसकी गिरफ्तारी का दबाव बढ़ा और आखिरकार उसे दबोच लिया गया। दरअसल रवि पुजारी पहले बिजनेसमैन को फोन कर रंगदारी मांगता था, लेकिन साल 2015 से 2018 के बीच रवि पुजारी ने कर्नाटक के कम से कम 10 नेताओं को फोन कर रंगदारी मांगी थी। जिसके चलते पुलिस पर उसे गिरफ्तार करने का दबाव बढ़ा।
रवि पुजारी को बीते साल जनवरी में अफ्रिका के सेनेगल में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद हाल ही में उसे भारत प्रत्यर्पित किया गया है। रवि पुजारी के खिलाफ 97 केस लंबित हैं। जिन नेताओं को रंगदारी के लिए फोन आया, उनमें कांग्रेस नेता यूटी खादेर, अभयचंद्र जैन, रामनाथ राय का नाम शामिल है, जिन्हें 2015 में धमकी दी गई थी।
इनके अलावा एच एम रेवन्ना को साल 2016 में धमकी दी गई। डीके सुरेश को साल 2017 में और तनवीर सेत, सीएम इब्राहिम और अनिल लाड को साल 2018 में और जेडीएस नेता एसआर महेश और सीबी सुरेश बाबू को साल 2017 में रंगदारी के फोन कर धमकी दी गई।
18 जुलाई, 2018 को जब जेडीएस-कांग्रेस पार्टी कर्नाटक में सत्ता में थीं, उस वक्त राज्य के तत्कालीन पुलिस प्रमुख नीलमणि राजू ने एडिश्नल डीजीपी अमन कुमार को रवि पुजारी को ढूंढने की जिम्मेदारी दी गई थी।
रवि पुजारी सेनेगल और बुर्किना फासो से अपना रंगदारी का बिजनेस चला रहा था। रवि पुजारी ने फिल्म इंडस्ट्री के लोगों, बिल्डर और डेवलपर्स, डॉक्टर्स और राजनैतिक लोगों को निशाना बनाया।
रवि पुजारी ने मई 2016 में कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया के एसोसिएट रहे कांग्रेस विधायक एचएम रेवन्ना को धमकी दी थी। रेवन्ना ने इस मामले में पुलिस में शिकायत भी दर्ज करायी थी।
अपनी शिकायत में कांग्रेस नेता ने बताया कि पुजारी नाम के शख्स ने उनसे उनके बेटे की कन्नड़ फिल्म की रिलीज को देखते हुए 10 करोड़ रुपए की मांग की थी। कांग्रेस के कद्दावर नेता डीके शिवकुमार अगस्त 2017 में जब कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार को बचाने का प्रयास कर रहे थे और पार्टी के 44 विधायकों को एकजुट रखने की कोशिश कर रहे थे, उस वक्त उनके भाई डीके सुरेश को भी पुजारी ने रंगदारी के लिए फोन किया था।
इसी तरह पुजारी ने अलग-अलग समय पर कर्नाटक के कई नेताओं को रंगदारी के लिए धमकी भरे फोन किए। जिसके चलते पुलिस पर पुजारी को पकड़ने का भारी दबाव बना। हालांकि पुजारी को पकड़ना बेहद मुश्किल था क्योंकि वह रंगदारी के लिए इंटरनेट से वॉइस कॉल करता था। ऐसे में उसके ठिकाने के बारे में पुलिस को जानकारी नहीं मिल पा रही थी।
इसके बाद खूफिया सूत्रों से पुलिस को रवि पुजारी के बुर्किना फासो में होने की जानकारी मिली। अफ्रीकी देश सेनेगल में बीते साल उसे हिरासत में ले लिया गया। 24 फरवरी को पुजारी को बेंगलुरू में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।