देशभर में गणेश उत्सव मनाया जा रहा है। इस बीच महाराष्ट्र के सांगली जिले के लोगों ने सांप्रदायिक सौहार्द और एकता की एक अनूठी मिसाल पेश की है। जहां गोटखिंडी गांव की एक मस्जिद में पिछले 44 सालों से हर साल गणेश उत्सव मनाया जा जा रहा है। इस दौरान भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की जाती रही है। हर साल की तरह इस बार भी युवाओं के एक समूह (न्यू गणेश मंडल) के सदस्यों ने मस्जिद के अंदर उत्सव मनाया, जो दो समुदायों के बीच सद्भाव का उदाहरण पेश करता है। ‘न्यू गणेश मंडल’ के अध्यक्ष इलाही पठान ने कहा कि हिंदू और मुसलमान हर साल गणेश उत्सव को बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाते हैं।

न्यू गणेश मंडल ने क्या कहा?

‘न्यू गणेश मंडल’ के अध्यक्ष इलाही पठान ने कहा कि हिंदू और मुसलमान हर साल गणेश उत्सव को बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाते हैं। पीटीआई भाषा के मुताबिक मंडल के पूर्व अध्यक्ष अशोक पाटिल ने एक मराठी समाचार चैनल से कहा, ‘‘यह परंपरा 1961 में शुरू हुई थी, जब भारी बारिश के कारण स्थानीय मुसलमानों ने अपने हिंदू पड़ोसियों को मस्जिद के अंदर भगवान गणेश की मूर्ति रखने के लिए आमंत्रित किया था।’’

यह उत्सव कई वर्षों तक नहीं मनाया गया, लेकिन 1980 में न्यू गणेश मंडल बनाया गया और तब से यह अनूठी परंपरा जारी है। पाटिल ने कहा, ‘‘इस मस्जिद में गणेश प्रतिमा स्थापित करने की परंपरा को शुरू हुए 44 साल हो गए हैं।’’

एकता की भावना को बढ़ाना उद्देश्य

मंडल के एक अन्य पूर्व अध्यक्ष माजिद जामदार ने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच एकता और सद्भाव की भावना को दोहराया। मंडल के एक अन्य सदस्य ने बताया कि पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली शहर से 32 किलोमीटर दूर स्थित गोटखिंडी गांव में मुहर्रम, दीपावली और ईद जैसे त्यौहार भी एक साथ मनाए जाते हैं। इस साल 11 दिवसीय गणेश चतुर्थी उत्सव सात से 17 सितंबर तक मनाया गया। उत्सव के समापन के दिन भगवान श्री गणेश की मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है।

इनपुट : भाषा