पाकिस्तानी कार्यकर्ता और सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई के जीवन पर बनी डॉक्यूमेंट्री को शनिवार को महाराष्ट्र के नौ और कर्नाटक के एक जिले समेत 10 स्थानों पर मुफ्त में दिखाया जाएगा। निर्देशक डेविस गुगेनहीम द्वारा निर्देशित इस 87 मिनट की डॉक्यूमेंट्री का नाम ‘ही नेम्ड मी मलाला’ है। भारत समेत दुनिया भर में यह छह नवंबर को रिलीज हुई थी। स्नेहालय एनजीओ के संस्थापक डॉ गिरीश कुलकर्णी ने मुफ्त मेें डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शित करने की इस पहल की शुरुआत की है।
गिरीश ने बताया, ‘यह डॉक्यूमेंट्री उन सभी को देखनी चाहिए जो लड़कियों की मौजूदा सामाजिक-आर्थिक स्थिति में बदलाव लाना चाहते हैं। इसलिए मैंने कुछ एंजेसियों से संपर्क कर इसे मुफ्त में प्रदर्शित करने का निर्णय लिया ताकि इससे
संबंधित तमाम लोगों को इसे दिखाया जा सके।’ उन्होंने बताया कि ‘स्नेहालय’ मलाला फंड, ग्लोबल गिविंग (अंतरराष्ट्रीय एनजीओ) और फाक्स स्टार के साथ मिलकर इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करेगा।
‘स्नेहालय’ एचआईवी पीड़ित बच्चों के लिए काम करता है। गिरीश ने बताया कि डॉक्यूमेंट्री अंग्रेजी में है इसलिए इसे पहले हमारे कार्यकर्ताओें या अंग्रेजी समझने वाले लोगों को दिखाया जाएगा। बाद में इसे हिंदी में भी डब किया जाएगा जिसके अगले साल जनवरी या फरवरी में आने की संभावना है। इसे राज्य के हर सिनेमा घर में प्रदर्शित किया जाएगा।
डॉक्यूमेंट्री में मलाला के उसके पिता जियाउद्दीन युसुफजई के साथ रिश्तों पर रोशनी डाली गई है। इसके साथ ही इसमेंं तालिबानी नेता मुल्ला फजलुल्ला के उभार के बारे में भी संक्षेप में दिखाया गया है। फजलुल्ला ने मलाला पर हमला करने की जिम्मेदारी ली थी।