सीबीआई के पूर्व प्रमुख आलोक वर्मा और एजेंसी के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पांच महीने पहले अदालत के बाद एक बार फिर आमने-सामने थे। मौका था दिल्ली पुलिस के मुख्यालय के उद्घाटन समारोह का। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली पुलिस के मुख्यालय का उद्घाटन करने आना था।
इस कार्यक्रम के लिए सीबीआई के दोनों पूर्व अधिकारियों को न्योता भेजा गया था। कार्यक्रम में दोनों अधिकारी पहुंचे। ऐसे में कई लोगों की नजर इन दोनों अधिकारियों पर ही थी। हालांकि, सीबीआई के पूर्व चीफ आलोक वर्मा ने अस्थाना के प्रवेश के 20 मिनट बाद एंट्री की।
दोनों अधिकारी कार्यक्रम के दौरान पहली पंक्ति में ही बैठे थे लेकिन दोनों के बीच किसी भी तरह की कोई बात नहीं हुई। मालूम कि विवाद के बाद दोनों अधिकारियों का तबादला कर दिया गया था। राकेश अस्थाना वर्तमान में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के साथ ही ब्यूरो ऑफ सिविल एविशएन के प्रमुख हैं। जबकि आलोक वर्मा अब रिटायर्ड हो चुके हैं।
हालांकि, अपने तबादले के विरोध में अदालत का दरवाजा खटखटाने के कारण आलोक वर्मा को रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले जीपीएफ समेत अन्य प्रकार के बेनिफिट का फायदा अभी तक नहीं मिला है। वर्मा की तरफ से इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भी लिख चुके हैं।
भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी आलोक कुमार का भी सीबीआई प्रमुख पद से सिविल डिफेंस व होम गार्ड्स में अग्निशमन सेवाओं के डीजी के पद पर कर दिया था। इसके बाद वर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, सरकार ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से उनके इस्तीफे को अस्वीकार करते हुए एक चिट्ठी भेजी गई थी। इसमें कहा गया था कि आग अग्निशमन सेवाओं के महानिदेशक का कार्यभार तत्काल रूप से संभालें।
वहीं, इस तरह की रिपोर्ट आई थी सरकार की तरफ से राकेश अस्थाना को भ्रष्टाचार के सभी आरोपों से दोष मुक्त किया जाता सकता है। इंडियन एक्सप्रेस ने एक अधिकारी की हवाले से खबर दी थी कि अस्थाना को सभी आरोपों से दोषमुक्त करने संबंधी रिपोर्ट तैयार कर ली गई है।

