पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत के रवैये और दुनियाभर में आर्थिक हालात को लेकर भारत की सधी हुई नज़र की तारीफ की है। पूर्व पीएम का कहना है कि भारत ने अपने हितों को आगे रखते हुए शांति के अपील के जरिए एकदम सही रणनीतिक कदम बढ़ाया है।
G20 समिट से पहले इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक विशेष इंटरव्यू में मनमोहन सिंह ने कहा कि वह भारत के भविष्य के बारे में चिंतित होने की तुलना में आशावादी ज़्यादा हैं लेकिन पूर्व पीएम ने कहा कि आशावादी होने के साथ देश सामाजिक सौहार्द की मजबूत नींव पर खड़ा होना चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान 2008 में G20 ग्रुप बनाया गया था। जिसका मकसद वित्तीय संकटों से लड़ना था।
G20, पीएम मोदी और दूसरे मुद्दों को लेकर क्या बोले मनमोहन सिंह
इंडियन एक्सप्रेस के साथ खास बातचीत में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि G20 की अध्यक्षता के लिए भारत को मौका मेरे जीवनकाल के दौरान मिला और मैं G20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत की मेजबानी करने का गवाह हूं।” पूर्व पीएम ने आगे कहा, “विदेश नीति का मजबूत होना बेहद जरूरी है और ऐसा होना चाहिए, हमारा वेश्विक राजनीति में मौजूद होना देश की इंटरनल पॉलिटिक्स का हिस्सा होना चाहिए लेकिन इसके जरिए पर्सनल पॉलिटिक्स को लेकर संयम बरतना भी जरूरी है।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने इस दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र किया। उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था और भारत के सामने मौजूद चुनौतियों को लेकर कहा,”2005 से 2015 के दशक में GDP के तहत भारत का विदेशी व्यापार दोगुना हो गया, जिससे हमें काफी फायदा हुआ और सैकड़ों करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले, इसका मतलब यह भी है कि भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ जुड़ी हुई है।”
पूर्व पीएम ने आगे कहा, “2008 के आर्थिक संकट के दौरान G20 ने महत्वपूर्ण काम किया था। आज डी-ग्लोबलाइजेशन और नए प्रकार के व्यापार प्रतिबंधों की बात हो रही है, ये अलग-अलग तरह की खलल को बढ़ा सकते हैं लेकिन भारत के लिए नए अवसर भी खोल सकते हैं। यह भारत के आर्थिक हित में है कि वह संघर्षों में न फंसे और देशों और क्षेत्रों के बीच व्यापारिक संबंधों का संतुलन बनाए रखे।”
रूस-यूक्रेन की चुनौती : भारत और G20, क्या बोले ममोहन सिंह
जी20 देशों और खासकर भारत के सामने रूस-यूक्रेन युद्ध को की चुनौती को लेकर किए गए सवाल के जवाब में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा,”जब दो या दो से ज़्यादा शक्तियां संघर्ष में फंस जाती हैं तो अन्य देशों पर पक्ष चुनने का बहुत दबाव होता है, मेरा मानना है कि भारत ने शांति की अपील करते हुए हमारे संप्रभु और आर्थिक हितों को पहले रखकर सही काम किया है।”
G20 को लेकर मनमोहन सिंह ने कहा,”सुरक्षा संबंधी विवादों को निपटाने के मंच के रूप में G20 की कभी कल्पना नहीं की गई थी। G20 के लिए यह जरूरी है कि वह सुरक्षा मतभेदों को दूर रखे और वैश्विक व्यापार में जलवायु, असमानता की चुनौतियों से निपटने के लिए अपना ध्यान केंद्रित रखे।
भारत-चीन विवाद पर पूर्व पीएम की राय
भारत-चीन के मुद्दे पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा,”मेरे लिए प्रधानमंत्री को जटिल राजनयिक मामलों को संभालने की सलाह देना सही नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जी20 शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। मुझे आशा और विश्वास है कि प्रधान मंत्री भारत की क्षेत्रीय और संप्रभु अखंडता की रक्षा करने और द्विपक्षीय तनाव को कम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।