नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेश्नल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) की किताब में अब दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की कविता पढ़ाई जाएगी। आठवीं कक्षा की हिंदी विषय की टेक्स्टबुक वसंत में उनकी कविता ‘कदम मिलाकर चलना होगा’ को सरकार के सुझाव के बाद शामिल कर लिया गया है। यह फैसला समाज के प्रति वाजपेयी के योगदान और उपलब्धियों को अमर बनाने के मकसद से उठाया गया है।
‘वसंत’ में रामधारी सिंह दिनकर, हजारी प्रसाद द्विवेदी, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, हरिशंकर परसाई और इस्मत चुगताई सरीखे हिंदी साहित्य जगत के मूर्धन्य लेखकों के निबंध, कविताएं और लघु कथाएं पहले से ही शामिल हैं। पूर्व पीएम की कविता भी अब इस किताब का हिस्सा बन चुकी है, जिसमें देशवासियों से बेहतर भविष्य के लिए एक-साथ मिलकर और चुनौतियों का सामना करते हुए चलने की अपील की गई है।
बाजार में फिलहाल पुरानी किताबें ही मौजूद हैं। नए अकादमिक सत्र से पहले यानी कि मार्च में संशोधित टेक्स्टबुक (अटल की कविता के साथ) बाजार में आ जाएगी। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस कविता की जगह पर किसी अन्य सामग्री को हटाया गया है या नहीं। एनसीईआरटी के निदेशक ऋषिकेश सेनापति से इंडियन एक्सप्रेस ने इस बाबत ई-मेल से संपर्क साधने की कोशिश की, पर उन्होंने जवाब नहीं दिया।
16 अगस्त 2018 को वाजपेयी नहीं रहे थे। केंद्र व राज्य में तब से बीजेपी की सरकार हैं। वे अटल जी की याद में उनके नाम पर योजनाएं निकाल चुकी हैं।वाजपेयी और उनके देश के प्रति योगदान को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए मानव संसाधन और विकास मंत्रालय ने एनसीईआरटी से उनकी कविता को किताब में शामिल करने के लिए कहा था। इससे पहले तक पूर्व प्रधानमंत्री का जिक्र सिर्फ 12वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की टेक्स्ट बुक में था, जिसका नाम- ‘पॉलिटिक्स इन इंडिया सिन्स इंडीपेंडेंस’ है।

