Justice DY chandrachud: एक देश एक चुनाव को लेकर जेपीसी का गठन किया गया है, जिसकी बैठक शुक्रवार को हुई थी। चुनावी प्रक्रिया में कथित सुधारों को लेकर हुई इस बैठक में देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जे.एस. खेहर और डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने-अपने सुझाव दिए। दोनों ने ही इस बात पर सहमति जताई कि एक देश एक चुनाव का ये विधेयक सिद्धातों के आधार पर संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करता है। हालांकि इस मीटिंग में ये भी कहा गया कि चुनाव आयोग को बेलगाम ताकत नहीं दी जा सकती है।
इस विधेयक को लेकर पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि चुनाव आयोग की भूमिका गहन जांच के दायरे में आ गई है, क्योंकि उसे अत्यधिक शक्तियां प्रदान करने के प्रस्ताव पर चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं और इस धारा के पुनर्मूल्यांकन के लिए राष्ट्रीय बहस की आवश्यकता है। इसलिए इस पर सभी से चर्चा की जानी चाहिए।
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ECI को न मिले बेलगाम ताकत- पूर्व सीजेआई
पूर्व CJI जेएस खेहर हों या फिर डीवाई चंद्रचूड़ दोनों ने ही जेपीसी की मीटिंग में यह सुझाव भी दिया है कि चुनाव आयोग को इतनी ज्यादा बेलगाम ताकत नहीं दी जानी चाहिए, जितनी संविधान संशोधन बिल में प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि इसके लिए नियंत्रण और संतुलन बनाए रखने के लिए एक सिस्टम होना चाहिए। इतना ही नहीं, दोनों ही पूर्व न्यायाधीशों ने यह भी कहा कि एक देश एक चुनाव के नियंत्रण और संतुलन बनाए रखने के लिए एक सिस्टम बनाया जाना चाहिए।
पूर्व CJI ने क्या दिए सुझाव?
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, एक देश एक चुनाव के विधेयक को लेकर पूर्व सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने तीन अहम सुझाव दिए हैं। उन्होंने कथित तौर पर चेतावनी दी कि इन सुरक्षा उपायों के बिना, प्रस्ताव के परिणामस्वरूप आयोग के हाथों में सत्ता का गैर-जवाबदेह नियंत्रण हो सकता है।
1- भारत निर्वाचन आयोग को केवल राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित स्थितियों में ही चुनाव स्थगित करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
- ऐसी किसी भी सिफारिश को संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए। स्थगन की अनुमति केवल एक निश्चित, सीमित अवधि के लिए दी जानी चाहिए।
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JPC के चेयरमैन ने क्या कहा?
वहीं बैठक के दौरान बीजेपी सांसद और जेपीसी के चेयरमैन पीपी चौधरी ने कहा कि जेपीसी की बैठक में पूर्व मुख्य न्यायाधीश जे. एस. खेहर और न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ शामिल हुए। उनसे हमनें वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर जो संवैधानिक सवाल हैं, उनको लेकर उनकी राय जानी है। उन्होंने कहा कि हमने अब तक महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश , हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और चंडीगढ़ में वहां की सरकार और अन्य स्टेक होल्डर्स के साथ बातचीत की है। हम पक्ष और विपक्ष सबके सुझाव लेना चाहते हैं, जिससे सबके बारे में जानकारी हो सके।
गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर महीने के दौरान ही ‘एक देश एक चुनाव’ का बिल संसद में पास हो गया था। जानकारी के मुताबिक सरकार इसे 2029 से लागू करने की तैयारी कर रही है। ये संविधान का 129वां संशोधन है, अनुमान है कि इसे शीतकालीन सत्र में पारित किया जा सकता है।
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