Pahalgam News: विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए अजित डोभाल ब्राजील में होने वाली अहम ब्रिक्स बैठक में हिस्सा नहीं लेने वाले हैं। इस समय जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से स्थिति संवेदनशील बनी हुई है, लगातार बैठकों का दौर भी जारी है। ऐसे में अजित डोभाल और जयशंकर का यहां रहना ज्यादा जरूरी है, इसी वजह से दोनों ब्रिक्स की इस बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि 30 अप्रैल को ब्राजील में कई देशों के विदेश मंत्री और सुरक्षा सलाहकार शामिल होने जा रहे हैं। भारत भी क्योंकि ब्रिक्स का अहम सदस्य है, ऐसे में विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को यहां शामिल होना था। लेकिन ऐन वक्त पर स्थिति को देखते हुए इस बैठक को स्किप करने का फैसला हुआ।
बताया जा रहा है कि ब्रिक्स की इस बैठक में AI, क्लाइमेट फाइनेंस, क्रॉस बॉर्डर पेमेंट्स इनीशियेटिव और मल्टीलेटरल संस्थानों में सुधार जैसे कई मुद्दों पर विस्तार से मंथन होने जा रहा है।
BRICS क्या है?
अब ब्रिक्स की बात करें तो यह दुनिया की पांच अहम उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का एक संगठन है। इसकी स्थापना जून के महीने में साल 2006 में की गई थी। इसमें पहले केवल ब्राजील, रूस, भारत और चीन ही शामिल थे। इसका नाम पहले ब्रिक था। इसके बाद साल 2010 में इसमें साउथ अफ्रीका में शामिल हो गया। फिर संगठन का नाम बदल गया और ये ब्रिक से बदलकर ब्रिक्स हो गया है। हर साल पांच देशों में से बदल-बदलकर इस समिट की मेजबानी करते हैं।
वैसे इस समय भारत के लिए ब्रिक्स से ज्यादा जरूरी देश में रहकर सीमा को सुरक्षित करना है। पहलगाम हमले के बाद से ही तीनों सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं, लगातार युद्धाभ्यास और मिसाइल परीक्षण भी हो रहे हैं, सीडीएस अनिल चौहान के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की एक अहम बैठक भी संपन्न हो चुकी है।
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