नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह से इतर राष्ट्रपति भवन के किचन में एक हांडी में कुछ खास पक रहा है। इस खास चीज का नाम ‘दाल रायसीना’ है। इस दाल को सबसे पहले साल 2010 में शेफ मछिंद्र कस्तुरे ने तैयार किया था। कस्तुरे का दावा है कि इस दाल को बनाने में 6 से 8 घंटे का समय लगता है।
राष्ट्रपति भवन के मौजूदा शेफ मोंटी सैनी का कहना है कि यह दाल राष्ट्रपति भवन की खासियत हैं। और इसे पकाने में 48 घंटे से कम का समय नहीं लगता है। वास्तव में इस खास डिश को बृहस्पतिवार को नई सरकार के शपथग्रहण समारोह में हिस्सा लेने आए मेहमानों को परोसा जाएगा।
दाल रायसीना राष्ट्रपति भवन का ही इनोवेशन है। इस डिश को तैयार करने के समय को लेकर कई विवाद हैं। इस बारे में अलग-अलग राय है। साल 2010 में पहली बार इस डिश को तैयार करने वाले शेफ मछिंद्र कस्तुरे का दावा है कि इसे तैयार करने में 6 से 8 घंटे का समय लगता है।
वहीं राष्ट्रपति भवन के मौजूदा शेफ इसके तैयार होने में लगने वाला समय 2 दिन बताते हैं। शेफ कस्तुरे ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘यह बड़े सम्मान की बात है कि आपकी डिश को दुनिया के शीर्ष नेताओं के सामने परोसा जाएगा। हम लगातार राष्ट्रपति भवन के किचन में प्रयोग करते रहे हैं।
दाल रायसीना ऐसे ही एक बार तैयार हो गई थी।’ कस्तुरे साल 2007 से 2015 तक राष्ट्रपति भवन में पहले रेजिडेंट शेफ के रूप में कार्यरत थे। 8 साल के अपने कार्यकाल में कस्तुरे ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रतिभा पाटिल के लिए खाना बना चुके हैं। उन्होंने अंजीर के कोफते और सिताफल का हलुआ भी तैयार किया था।
ऐसे बनती है दाल रायसीनाः 57 वर्षीय कस्तुरे का कहना है कि वेलवेट टेक्सचर वाली यह दाल सीक्रेट इंग्रीडिएंट्स के साथ हल्के मसाले, कस्तूरी मेथी के पत्ते के साथ तैयार होती है। इसमें हल्का सा गरम मसाला इसके स्वाद को बढ़ा देता हैं। कस्तुरे बताते हैं कि दाल के साथ राजमा को रात भर पानी में भिगो कर रखा जाता है।
इससे अगले दिन पकाने से पहले चार से पांच बार धोया जाता है। इसके बाद मक्खन, क्रीम, गरम मसाला, टोमैटो प्यूरी और कसूरी मेथी के साथ पकाया जाता है। हल्की आंच पर इस दाल को पकने में 6 से आठ घंटे लगते हैं। कस्तुरे वर्तमान में अशोका होटल के एग्जीक्यूटिव शेफ के रूप में कार्यरत हैं।