भारी बारिश से सर्वाधिक प्रभावित गुजरात, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा में मृतकों की संख्या बढ़कर कम से कम 81 हो गई है वहीं 80 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। राजस्थान में बारिश से अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है और राज्य में कई स्थानों पर बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। उधर पश्चिम बंगाल में बाढ़ के दौरान विभिन्न वजहों से 48 लोगों की मौत होने की खबर है। ओडीÞशा में मृतकों की संख्या पांच हो गई है।
गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों में बचाव अभियानों में दक्षिणी कमान और दक्षिण पश्चिमी कमान के जवानों को लगाया गया है। सैन्य सूत्रों ने बताया, ‘उन्होंने 1000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है और 2400 से अधिक लोगों को खाद्य सामग्री, पेयजल, दवा और मेडिकल कवर प्रदान किया है। कुल 28 राहत टीमों, सात मेडिकल टीमों और सात ईटीएफ (इंजीनियर टास्क फोर्सेज) को तैनात किया गया है।’
सैन्य बाढ़ राहत टुकड़ियां गुजरात के बनासकांठा और भुज और राजस्थान के चिरपटिया, धनेरा और संचोर में हैं। बहादुरी की अनेक कहानियां सामने आई हैं। हवलदार यूसुफ ने एक डूबती हुई मां और उसकी बच्ची को गुजरात के कच्छ जिले में भुज से तकरीबन 50 किलोमीटर उत्तर में स्थित शेरवो गांव से बचाया है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम दोपहर को शुरू हुआ और 17 शिशुओं व 32 बच्चों समेत तकरीबन 200 ग्रामीणों को बचाया गया है।
सड़क पर कई जगह कटाव से सबसे नजदीकी गांव 13 किलोमीटर दूर है और दोनों तरफ से तेजी से पानी का बहाव हो रहा है। ग्रामीणों को रस्सी की मदद से इन कटावों को पार कराया गया और पानी के बहाव के खिलाफ एक मानव शृंखला बनाई गई है। शेरवो में गनर सुधीर यादव ने पानी की तेज धार में अस्तित्व बचाने के लिए संघर्षरत एक कुत्ते को बचाया।
राजस्थान में वर्षाजनित हादसों में अलग अलग स्थानों पर चार युवकों सहित पांच लोगों की डूबने से मौत हो गई। दक्षिण-पश्चिम मानसून का केंद्र बिंदु बने बीकानेर संभाग के करणपुर में सुबह 8.30 बजे तक अधिकतम बारिश पांच सेंटीमीटर दर्ज की गई।
लूणकरणसर पुलिस ने बताया कि डुलमेरा स्टेशन के पास एक बरसाती तालाब में नहाते समय महावीर सिंह (12) और गिरधारी (14) की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि गत 31 जुलाई और एक अगस्त की रात में दोनों नहाने के लिए तालाब पर गए थे। दोनों की डूबने से मौत हो गई। जोधपुर जिले के समदडी कस्बे में लूणी नदी में डूबने से वेणुगोपाल और सुशील की मौत हो गई।
एक अधिकारी ने बताया कि सिरोही जिले के दातिंया गांव में 35 वर्षीय युवक भीमाराम की तालाब में पैर फिसल जाने से गहराई में डूब जाने से मौत हो गई। युवक तालाब में भरे पानी का जलस्तर जानने के लिए पानी में उतरा था, लेकिन पैर फिसल जाने से गहराई में चला गया और डूब गया। उन्होंने बताया कि सांचौर तहसील में 12 गांवों में अभी भी भारी बरसात के कारण भरे पानी से निजात नहीं मिली है। हालांकि गत शुक्रवार से बारिश का दौर थम गया है।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि आबू रोड और मांउट आबू के बीच सड़क पर सुधार का कार्य जारी है और भारी बारिश के चलते भूस्खलन से बाधित मार्ग पर यातायात अभी भी बंद है।
उन्होंने बताया कि घडसाना, सांगरू में चार-चार सेंटीमीटर, फतेहपुर, राजगढ़ में तीन-तीन सेंटीमीटर, बांसवाड़ा और तारानगर में एक-एक सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई है। जयपुर और अजमेर जिलों में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश दर्ज की गई है। जयपुर में चार मिलीमीटर और अजमेर में एक मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, चूरू, जालौर, सिरोही जिलों में बारिश नहीं हुई। लेकिन आसपास के इलाकों में भारी बारिश के चलते लूणी नदी फिर से उफान पर है। विभाग ने आगामी 24 घंटों के दौरान बीकानेर संभाग में मध्यम दर्जे की बारिश की संभावना जताई है।
पंजाब और हरियाणा के कई क्षेत्रों में रविवार को लगातार दूसरे दिन भी बारिश होती रही। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने यहां बताया कि चंडीगढ़ में लगातार बारिश होने की वजह से तापमान में कमी दर्ज की गई। अधिकारी ने बताया कि पटियाला, अमृतसर, लुधियाना, मोहाली, रोपड़, और जलंधर समेत पंजाब के अधिकांश क्षेत्रों में बारिश हुई।
हरियाणा में करनाल, पंचकूला, कालका, यमुनानगर और कुरुक्षेत्र में भी बारिश हुई। बारिश के बाद दोनों राज्यों के कुछ क्षेत्रों में दिन का तापमान सामान्य स्तर से नीचे पहुंच गया।
उधर दक्षिण बंगाल में बाढ़ की स्थिति रविवार को भी विकट बनी रही। मरने वालों की संख्या बढ़कर तकरीबन 50 हो गई है जबकि 2.14 लाख लोगों ने बाढ़ से प्रभावित 12 जिलों के 1537 राहत शिविरों में आश्रय लिया है। मौसम विज्ञानियों ने अगले 24 घंटे में और बारिश होने का अनुमान जताया है।
आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि विभिन्न जिलों से रविवार को नौ और लोगों के मरने की खबरें आई हैं। इसके साथ ही बारिश और बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 48 हो गई है। सूत्रों ने बताया, ‘2.14 लाख से अधिक लोगों को आश्रय देने के लिए कुल 1537 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं और 204 चिकित्सा शिविरों को खोला गया है।’ उन्होंने कहा कि तकरीबन 37 लाख लोग इससे प्रभावित हुए हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्थिति की समीक्षा के लिए राज्य सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वे चौबीस घंटे स्थिति की निगरानी करें और तत्काल उचित कदम उठाएं। दक्षिण और उत्तर ओड़ीशा में भी कई जगहों पर अगले 24 घंटों में तेज हवाओं के साथ भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है।