ओडिशा में पुलिस और माओवादियों से बीच कथित मुठभेड़ में पांच आम लोगों की मौत हो गई और दो घायल हो गए हैं। यह मुठभेड़ वहां के कंधमाल जिले में हुई है। पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की तरफ से कहा जा रहा है कि दूसरी तरफ से गोलियां चल रही थीं इसके बीच में लोगों के आने से उनकी मौत हुई। वहीं मारे गए लोगों के परिवार वालों का आरोप है कि पुलिस ने जानबूझकर उन निहत्थों को निशाना बनाया था।

सफाई में क्या कह रही है पुलिस: कंधमाल के पुलिस अधीक्षक पिनाक मिश्रा ने कहा, ‘हमारे जवानों पर जबरदस्त गोलीबारी की गई। उस वक्त बहुत तेज बारिश हो रही थी। क्रॉस फायरिंग में लोगों को ले जा रहा एक ऑटो बीच में आ गया। फायरिंग की चपेट में आकर पांच लोगों की मौत हो गई।’

वहीं उस वक्त वहां मौजूद लोग इस बात को गलत बता रहे हैं। उनमें से एक ने कहा, ‘अगर दोनों तरफ से गोलियां चली थीं तो फिर गोलियों के निशान सिर्फ मारे गए लोगों की ही तरफ क्यों हैं? जिस वक्त 16 लोग उतरकर कीचड़ में फंसे एक ऑटो को निकालने की कोशिश कर रहे थे उस वक्त यह गोलाबारी हुई। पुलिस झूठ बोल रही है।’

इस घटना में अपने पिता को खो चुके दिगल नाम के शख्स ने कहा, ‘9 बजे के करीब मैंने कुछ आवाज सुनी, मुझे लगा गांव के पास पटाखे चल रहे हैं। कुछ देर बाद मैंने देखा मेरी मां घर की तरफ भागती हुई आ रही है। उनकी पीठ में गोली लगी थी। इसके एक घंटे बाद में गांव वालों के साथ वहां पहुंचा जहां यह सब हुआ था। वहां देखा तो मेरे पापा मरे पड़े थे।’

अब मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने दुख जताते हुए मरने वालों को पांच लाख रु मुआवजे का एलान किया है। हालांकि लोग इस घटना के बाद लोगों में गुस्सा भरा हुआ है। इसको लेकर वहां के नैशनल हाईवे को जाम भी कर दिया गया था।