भारतीय वायुसेना को अमेरिका से अपना पहले अपाचे गार्डियन AH-64E(I) हेलिकॉप्टर मिल गया है। अमेरिका के एरिजोना प्रांत में बोइंग प्रोडक्शन प्लांट में इसे भारतीय  वायुसेना को सौंपा गया था। इस अवसर पर भारतीय वायुसेना की तरफ से एयर मार्शल एएस बुटोला और अमेरिकी सरकार के प्रतिनिधि मौजूद  थे।

अपाचे की पहली खेप के इस साल जुलाई तक भारत पहुंचने की संभावना है। एयरफोर्स में अपाचे हेलिकॉप्टर की दो स्क्वाड्रन तैयार की जाएगी। अपाचे हेलिकॉप्टर को पठानकोट एयरबेस में लाया जाएगा। अपाचे की एक स्क्वाड्रन को असम को
जोरहाट में तैनात किया जाएगा।

भारत ने सितंबर 2015 में अमेरिका से कुल 22 अपाचे गार्डियन AH-64E(I) हेलिकॉप्टर खरीदने का सौदा किया था। समझौते के तहत पहली खेप में 4 हेलिकॉप्टर्स भारत को मिलेंगे। शेष 18 हेलिकॉप्टर्स के साल 2020 तक एयरफोर्स में शामिल होने की संभावना है।

अपाचे हेलीकॉप्टर के क्रू मेंबर्स और ग्राउंड क्रू का अमेरिकी सेना ने फोर्ट रकर, अलबामा में ट्रेनिंग दी है। ये लोग ही भारतीय वायुसेना के अपाचे फ्लीट को ऑपरेट करेंगे। भारतीय वायुसेना का कहना है कि अपाचे हेलिकॉप्टर का भारतीय वायुसेना की फ्लीट में शामिल होना भारतीय सेना के आधुनिकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

हेलिकॉप्टर्स में लगें हैं अचूक मिसाइल व रॉकेटः अपाचे हेलिकॉप्टर्स में भारत की जरूरत के हिसाब से महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। इसमें लगे अचूक मिसाइलें व रॉकेट जमीन पर मौजूद दुश्मनों की फौज व सैन्य दस्तों को तबाह करने की क्षमता रखते हैं।

293 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ानः अपाचे हेलिकॉप्टर 293 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकते हैं। अपाचे में चालक दल के दो सदस्य होते हैं। यह 21000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। अपाचे एक बार ईंधन भरने के बाद 476 किलोमीटर तक दूरी तय कर सकता है।