देश में तय गति सीमा वाले मार्ग पर तेज रफ्तार वाहन दौड़ाने वाले चालकों पर सरकार ने सख्ती बढ़ाने की व्यवस्था लागू की गई है। इसके लिए केंद्रीय वाहन अधिनियम 1988 की धारा 183 के तहत जुर्माने के प्रावधान किए गए हैं। सड़क हादसों में कमी लाने के लिए इन मार्ग पर गति सीमा को तय किया जाता है। हाल ही में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंत्रालय द्वारा एक सवाल में यह जानकारी दी।

अलग-अलग वाहनों के लिए अलग-अलग नियम

इन प्रावधानों में दंड के भी प्रावधान लागू किए गए हैं। तय प्रावधानों के तहत तेज रफ्तार से चलने वाले हल्के वाहनों के लिए वाहन की गति अधिक होने पर एक हजार रुपए तक का जुर्माना किया जा सकता था। अब इस जुर्माने के राशि को दो हजार रुपए तक वसूला जा सकता है। जबकि मध्यम दर्जे के वाहनों जैसे माल वाहक या यात्री वाहन के लिए यह जुर्माना राशि दो हजार रुपए से कम नहीं होगी।

वाहन मालिकों के लाइसेंस भी जब्त किए जा सकते हैं

इस जुर्माना राशि को चार हजार रुपए तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त इन प्रावधानों के खंड तीन में यह भी प्रावधान है कि इन अपराध के लिए संबंधित वाहन चालक का लाइसेंस तक जब्त किया जा सकता है। इन प्रावधानों को लागू करने का अधिकार केंद्र शासित राज्यों व राज्य सरकारों को दिया गया है। इससे सड़क हादसों पर नियंत्रण की संभावना जताई जा रही है।

Overspeed Limit, Road Accident |

भारत में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से सड़क सुरक्षा के लिये 1988 के मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन कर मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 लागू किया गया जिसमें कठोर प्रावधान किए गए हैं। इस अधिनियम में यातायात के नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है।

भारत में प्रत्येक सड़क पर किसी भी वाहन को चलाने के लिए स्पीड निर्धारित की गई है जिसके अंदर ही आप अपने व्हीकल को चला सकते हैं, मगर अक्सर लोग जल्दी जाने के लिए या सिर्फ रोमांच के लिए तय स्पीड से ज्यादा पर अपनी बाइक और स्कूटर चलाते हैं, जो न सिर्फ ट्रैफिक रूल्स का उल्लंघन है बल्कि इसके चलते काफी गंभीर हादसे होते हैं जिसमें वाहन और जान दोनों का नुकसान अक्सर देखने को मिलता है।